पटना: पूरे देश में छठ महापर्व हर्षोल्लास के साथ मनाया जा रहा है. चार दिनों तक चलने वाले इस पर्व की शुरूआत नहाय खाय से होती है. और समापन उगते सूर्य को अर्घ्य देकर किया जाता है. छठ पर्व पर सूर्योपासना का खासा महत्व है. छठ व्रती तीसरे दिन डूबते सूर्य को अर्घ्य देते हैं फिर अगले दिन सूर्योदय होने पर जल देकर अपने व्रत का समापन करते हैं. इस दौरान छठ व्रती निर्जला 36 घंटे का व्रत रहते हैं.
छठ महापर्व: हर किसी को तीसरे दिन अस्ताचलगामी भगवान भास्कर के डूबने का इंतजार रहता है. जैसे ही संध्याकाल में सूर्य अनंत आकाश में ओझल होते हैं, छठ व्रती पश्चिम की ओर मुख करके उनकी उपासना करते हैं. फिर सुबह सूर्योदय के वक्त पूर्व दिशा में भगवान दिवाकर के उदीयमान होने का इंतजार करते हैं. तब तक सभी छठ व्रती फल-फूल और पूजा समाग्री से भरे सूप को लेकर जल में खड़े रहते हैं.