छतरपुर: बोनी का सीजन चरम पर है. किसानों के खेत भी खाद की मांग कर रहे हैं. बेबस किसान खाद के लिए परेशान हैं. वहीं छतरपुर जिले को खाद के लिए इस बार डीएपी की अलग रैक न मिलने से खाद का संकट बढ़ गया है. किसानों के मुताबिक, बोनी के लिए डीएपी, यूरिया, सुपर फॉस्फेट चाहिए, लेकिन विभाग एनपीके दे रहा है, जिसके कारण परेशानी बढ़ रही हैं. वहीं किसानों को पन्ना नाके स्थित खाद गोदाम पर पहले पर्ची के लिए लाइन में घंटों तक खड़ा होना पड़ रहा है.
डीएपी खाद के लिए परेशान हैं ग्रामीण
इसके बाद पर्ची लेकर 2 किलोमीटर दूर मंडी खाद के लिए जाना पड़ता है, जिससे समय बर्बाद हो रहा है और पर्याप्त खाद भी नहीं मिल रही है. किसानों ने बताया जितनी खाद की जरूरत है उतनी नहीं मिल रही है. यहां से 2 या 3 बोरी खाद दे रहे हैं, जो कि बहुत कम है. DAP और यूरिया की जरूरत है, लेकिन कोई नहीं सुन रहा है. गोदाम पर कोई व्यवस्थाएं नहीं हैं, जिससे किसान परेशान हैं. रबी सीजन के लिए हरपालपुर में दो रैक खाद आई हैं, लेकिन आधी खाद टीकमगढ़ के लिए भेज दी गई है.
छतरपुर के लिए नहीं भेजी गई स्पेशल रैक
इफको डीएपी की रैक में छतरपुर को 1150 मीट्रिक टन, टीकमगढ़-निवाड़ी को 940 मीट्रिक टन खाद मिली है. इसी तरह आईपीएल डीएपी की दूसरी रैक में छतरपुर को 1075 मीट्रिक टन और टीकमगढ़-निवाड़ी के लिए 1040 मीट्रिक टन खाद पहुंची है. जबकि टीकमगढ़ और निवाड़ी में दो रैक अलग से लग चुकी हैं. वहां से बिल्कुल भी खाद छतरपुर जिले के लिए नहीं भेजी गई है. छतरपुर के हरपालपुर में खाद की रैक लगने से यह समस्या आ रही है.
छतरपुर में है डीएपी की भारी डिमांड
मध्य प्रदेश राज्य सहकारी विपणन संघ मर्यादित छतरपुर की स्थिति देखी जाए तो रबी सीजन के लिए डीएपी की डिमांड 15991 मीट्रिक निर्धारित की गई है. अब तक मात्र 1751 मीट्रिक टन ही खाद उपलब्ध हो सकी है. यूरिया की 26519 मीट्रिक टन की डिमांड भेजी गई थी, लेकिन अब तक यहां 4334 मीट्रिक टन यूरिया खाद भेजी गई है. इसी तरह सुपर फास्फेट के लिए 1155 मीट्रिक टन की डिमांड भेजी गई थी, लेकिन अभी तक 195 मीट्रिक टन खाद ही उपलब्ध हो सकी है. वहीं एनपीके और पोटाश खाद की भरपूर उपलब्धता है, लेकिन किसान इसे ले नहीं ले रहे हैं. ये जानकारी छतरपुर के कृषि उपसंचालक कबीर कृष्ण बैद्य ने दी है.