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छतरपुर में खाद का महासंकट, जानिए क्यों खाद की समस्या से जूझ रहे हैं किसान

छतरपुर में डीएपी खाद न मिलने से परेशान हैं किसान, कई घंटों तक लाइनों में खड़े रहने के लिए मजबूर

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डीएपी खाद के लिए इंतजार करते किसान (ETV Bharat)

By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : 5 hours ago

छतरपुर: बोनी का सीजन चरम पर है. किसानों के खेत भी खाद की मांग कर रहे हैं. बेबस किसान खाद के लिए परेशान हैं. वहीं छतरपुर जिले को खाद के लिए इस बार डीएपी की अलग रैक न मिलने से खाद का संकट बढ़ गया है. किसानों के मुताबिक, बोनी के लिए डीएपी, यूरिया, सुपर फॉस्फेट चाहिए, लेकिन विभाग एनपीके दे रहा है, जिसके कारण परेशानी बढ़ रही हैं. वहीं किसानों को पन्ना नाके स्थित खाद गोदाम पर पहले पर्ची के लिए लाइन में घंटों तक खड़ा होना पड़ रहा है.

डीएपी खाद के लिए परेशान हैं ग्रामीण

इसके बाद पर्ची लेकर 2 किलोमीटर दूर मंडी खाद के लिए जाना पड़ता है, जिससे समय बर्बाद हो रहा है और पर्याप्त खाद भी नहीं मिल रही है. किसानों ने बताया जितनी खाद की जरूरत है उतनी नहीं मिल रही है. यहां से 2 या 3 बोरी खाद दे रहे हैं, जो कि बहुत कम है. DAP और यूरिया की जरूरत है, लेकिन कोई नहीं सुन रहा है. गोदाम पर कोई व्यवस्थाएं नहीं हैं, जिससे किसान परेशान हैं. रबी सीजन के लिए हरपालपुर में दो रैक खाद आई हैं, लेकिन आधी खाद टीकमगढ़ के लिए भेज दी गई है.

छतरपुर में डीएपी खाद न मिलने से परेशान हैं किसान (ETV Bharat)

छतरपुर के लिए नहीं भेजी गई स्पेशल रैक

इफको डीएपी की रैक में छतरपुर को 1150 मीट्रिक टन, टीकमगढ़-निवाड़ी को 940 मीट्रिक टन खाद मिली है. इसी तरह आईपीएल डीएपी की दूसरी रैक में छतरपुर को 1075 मीट्रिक टन और टीकमगढ़-निवाड़ी के लिए 1040 मीट्रिक टन खाद पहुंची है. जबकि टीकमगढ़ और निवाड़ी में दो रैक अलग से लग चुकी हैं. वहां से बिल्कुल भी खाद छतरपुर जिले के लिए नहीं भेजी गई है. छतरपुर के हरपालपुर में खाद की रैक लगने से यह समस्या आ रही है.

डीएपी खाद के लिए परेशान ग्रामीण (ETV Bharat)

छतरपुर में है डीएपी की भारी डिमांड

मध्य प्रदेश राज्य सहकारी विपणन संघ मर्यादित छतरपुर की स्थिति देखी जाए तो रबी सीजन के लिए डीएपी की डिमांड 15991 मीट्रिक निर्धारित की गई है. अब तक मात्र 1751 मीट्रिक टन ही खाद उपलब्ध हो सकी है. यूरिया की 26519 मीट्रिक टन की डिमांड भेजी गई थी, लेकिन अब तक यहां 4334 मीट्रिक टन यूरिया खाद भेजी गई है. इसी तरह सुपर फास्फेट के लिए 1155 मीट्रिक टन की डिमांड भेजी गई थी, लेकिन अभी तक 195 मीट्रिक टन खाद ही उपलब्ध हो सकी है. वहीं एनपीके और पोटाश खाद की भरपूर उपलब्धता है, लेकिन किसान इसे ले नहीं ले रहे हैं. ये जानकारी छतरपुर के कृषि उपसंचालक कबीर कृष्ण बैद्य ने दी है.

घंटों तक लाइनों में खड़े रहते हैं किसान

खाद लेने पहुंचे किसान दीपक अवस्थी ने बताया, '' खाद के लिए बहुत परेशानी हो रही है. करीब 7 से 8 दिन चक्कर काटते-काटते हो गए. DAP और यूरिया जरूरत के समय और पर्याप्त नहीं मिल रही है.'' वहीं दीपक ने सरकार से मांग की है कि किसानों के लिए DAP यूरिया की सही समय पर मांग पूरी करें. वही एक काउंटर होने से सुबह से शाम तक लाइनों में लगना पड़ता है. काउंटर भी बढ़ाये जाएं. वहीं गोदाम प्रभारी सूर्यप्रताप सिंह चंदेल ने बताया, ''70 किसानों के कागज जमा किए गए थे, जिनकी पर्ची पन्ना नाका स्थित गोदाम से काटी जा रही है और खाद मंडी स्थित गोदाम से वितरित की जा रही है. यहां पहले जाम की स्थिति बनती थी तब पूर्व कलेक्टर के द्वारा इस तरह की व्यवस्था की गई थी. इसलिए मंडी से ही खाद दी जा रही है.''

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छतरपुर में अलग से खाद की रैक लगाने के प्रयास

किसानों को उनके रकवा के अनुसार ही खाद दी जा रही है. एक एकड़ पर एक बोरी दी जा रही है. किसानों को नैनो यूरिया नैनो DAP की भी समझाइस दी जा रही है. वहीं छतरपुर के कृषि उपसंचालक कबीर कृष्ण बैद्यने बताया, '' खाद की अलग से रैक लगाने का पूरा प्रयास किया है. लगातार पत्राचार किया जा रहा है. प्रयास है कि जिले में मांग के अनुरूप खाद की पूर्ति हो, जिससे किसानों को होने वाली परेशानी कम हो सके.''

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