मध्य प्रदेश

madhya pradesh

ETV Bharat / state

हीरों की धरती पर हेल्थ सिस्टम चारपाई पर, बीमार महिला की जान पर बनी - CHHATARPUR VILLAGES NO ROAD

छतरपुर जिले के बक्सवाहा से सटे गांव हिरदेपुर में आज तक सड़क नहीं बन सकी है. अस्पताल पहुंचने के लिए खाट ही साधन है.

Chhatarpur Villages No Road
हीरों की धरती पर सड़क तक नहीं (ETV BHARAT)

By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Oct 8, 2024, 5:10 PM IST

छतरपुर। जिले से करीब 100 किलोमीटर दूर जनपद पंचायत बकस्वाहा के गांव हिरदेपूर में मूलभूत सुविधाएं नहीं हैं. ये आदिवासी बाहुल्य गांव है. ये गांव हीरा भण्डारण क्षेत्र में आता है. लेकिन ग्रामीण आदिवासी सड़क ओर मूलभूत सुविधाओ के लिए आज भी परेशान हैं. गांव की आदिवासी महिला जंगी बारेला (40 साल) को अचानक सीने में दर्द होने लगा. सड़क ना होने के कारण ग्रामीणों ने चारपाई पर लिटाया और 1 किलोमीटर तक का सफर पैदल शुरू कर दिया. फिर वाहन से बकस्वाहा लेकर पहुंचे. वहीं, डॉ. शिवांश असाटी ने जिला अस्पताल के लिए मरीज को रेफर कर दिया.

सिस्टम की मार झेल रहे गांवों के आदिवासी

बीमार महिला के देवर राजेश बारेला ने बताया "रोड नहीं होने के कारण 1 किलोमीटर पैदल आना पड़ा. एम्बुलेंस को बुलाया तो भी नहीं आई. अपनी गाड़ी से दमोह जिला जाना पड़ा लेकिन गाड़ी में ऑक्सीजन भी नहीं थी. 108 पर कॉल किया था तो बोला गया ढाई घंटे बाद आऊंगा." स्थानीय निवासी प्रताप वरेला कहते हैं "उनकी समस्याओं पर ध्यान नहीं दिया जा रहा है. गांव की कुल आबादी 3107 है. ग्राम पंचायत वीरमपुरा में कुल 7 गांव वीरमपुरा, तिलई, कसेरा, जगारा, हिरदेपूर इनमें से हिरदेपूर, हरदुआ और डुगासरा पठा पूरी तरह से आदिवासी गांव हैं. हिरदेपुर की आबादी 213 है, जिसमें 102 महिलाएं और 111 पुरुष शामिल हैं, लेकिन मूलभूत सुविधाओं के लिए आज भी मोहताज हैं."

हीरों की धरती पर हेल्थ सिस्टम चारपाई पर (ETV BHARAT)

ये खबरें भी पढ़ें...

यहां है यमलोक मार्ग, गंदे पानी से भरे गड्ढों में बैठकर महिलाओं ने बजाई थाली

सड़क बनवाने के लिए पोखरनुमा गड्ढे में घंटों तक किया जल सत्याग्रह, कोई सुनवाई नहीं

हीरा भंडारण वाले क्षेत्र में आता है गांव

देश मे हीरा भंडारण की बात होती है तो इसी बक्सवाहा इलाके के 16 गांव इसमें आते हैं. इनमें से एक हिरदेपुर भी है. सालों पहले जब हीरा निकाला जा रहा था, तब ग्रामीणों से मूलभूत सुविधाओं देने की बात हुई लेकिन जैसे ही हीरा भण्डार पर रोक लगी तो सरकार अपने सारे वादे भूल गई. बक्सवाहा में पदस्थ डॉ. शिवांश असाटी ने बताया "वह एपिलेपशी का पेशेंट था. झटके के साथ आया था, उसको स्टेबल करके रेफर किया गया. 108 को हम लोगो ने भी कॉल लगाया लेकिन आसपास कहीं उपलब्ध नहीं थी."

ABOUT THE AUTHOR

...view details