चंडीगढ़:गर्भवती महिलाओं की समय से पहले डिलिवरी की समस्या और नवजात बच्चों की मौत की परेशानी को कम करने की दिशा में चंडीगढ़ पीजीआई ने एक बड़ा कदम उठाया है. बेहतर ढंग से गर्भावस्था बनाए रखने के लिए पीजीआई ने एक एडजस्टेबल ड्यूल-एक्शन सर्वाइकल रिंग तैयार किया है. इसका नाम सर्विरिंग-प्रो रखा गया है. इस डिवाइस का इस्तेमाल मौजूदा प्रोजेस्टेरॉन के इलाज से जुड़े जटिल मुद्दों से निपटने में मदद मिलेगी. ईटीवी भारत की टीम से खास बातचीत में इस रिसर्च पर ज्यादा जानकारी दी है डॉ. मीनाक्षी रोहिल्ला ने.
डिवाइस बनाने का उद्देश्य: डॉ. मीनाक्षी रोहिल्ला ने बताया कि 'इस डिवाइस का डिजाइन डिलीवरी के समय होने वाले खतरों को पता लगाने, बार-बार गर्भ को होने वाले नुकसान और प्रोजेस्टेरॉन के ल्यूटियल फेज सपोर्ट तथा इन विट्रो फर्टिलाइजेशन से जुड़े हाई रिस्क मरीजों को होने वाले संभावित खतरों का पता लगाने के मकसद से तैयार किया गया है. ताकि महिलाओं के बार-बार हो रहे अबॉर्शन को रोका जा सके'.
'अबॉर्शन और दर्द से मिलेगी राहत': 'इस डिवाइस में प्रेगनेंसी के दौरान लगातार प्रोजेस्टेरॉन को रिलीज करने की क्षमता है. जिसे गर्भावस्था के शुरूआती तीन महीनों में प्रोजेस्टेरॉन सपोर्ट के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है. प्रोजेस्टेरॉन काफी महत्वपूर्ण हार्मोन है. जिससे महिलाओं की प्रेगनेंसी सही सलामत रहती है. वहीं, यह यूटेरिन लर्निंग को मदद करने, संकुचन को रोकने तथा गर्भस्थ शिशु के विकास के लिए भी सहयोगी होती है. सर्विरिंग-प्रो के जरिए लगातार प्रोजेस्टेरोन रिलीज का मकसद गर्भावस्था के दौरान इस हार्मोन का निरंतर और सुसंगत स्तर पूरी तरह बनाए रखना है. इससे समयपूर्व डिलीवरी और दर्द को रोकने में भी मदद मिलेगी'.