वाराणसी :बनारस में पहली बार ऑटोमेटिक सिग्नल लाइन की व्यवस्था होगी. इससे न सिर्फ ट्रेनों के परिचालन में मदद मिलेगी, बल्कि ट्रेनों की गति भी बढ़ेगी. यह सुविधा वाराणसी के पंडित दीनदयाल उपाध्याय रूट पर शुरू की जाएगी. इससे दो स्टेशनों के बीच एक साथ कई ट्रेनें गुजारी जा सकेंगी. इस तकनीक से न सिर्फ ट्रेनों के सुरक्षित संचालन में मदद करेगी, बल्कि एक के पीछे चल रहीं अन्य ट्रेनों का समय भी नहीं खराब होगा. इसकी मदद से अन्य ट्रेनों का परिचालन प्रभावित नहीं होगा.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने दूसरे टर्म में रेलवे के सुदृढ़ीकरण का काम काफी तेज से कराया था. इसके अंतर्गत न सिर्फ स्टेशनों और जंक्शन का कायाकल्प किया गया बल्कि उनके रूट में भी काफी मजबूती लाई गई. लाइनों की संख्या और दूरी दोनों बढ़ी है और अत्याधुनिक तकनीक का भी प्रयोग खूब किया गया है. ऐसे में उनके संसदीय क्षेत्र वाराणसी में स्थित स्टेशनों पर भी कार्य हुए हैं. इसी क्रम में अब वाराणसी के पं. दीनदयाल उपाध्याय जंक्शन (डीडीयू) रूट पर नवंबर-2025 से ऑटोमेटिक सिग्नल से ट्रेनों का परिचालन शुरू हो जाएगा.
हर एक किलोमीटर पर लगाए जाएंगे सिग्नल :एडीआरएम लालजी चौधरी बताते हैं, 'यह रेल मंत्रालय की एक योजना है, जिसमें जो बड़े जक्शन और स्टेशन हैं उनके आसपास ऑटोमेटिक सिग्नलिंग की जाएगी. उसी के तहत कार्यों की स्वीकृति दी गई है. डीडीयू से लेकर वाराणसी और वाराणसी से अगल-बगल ब्लॉक सेक्शन जिसमें शिवपुर, लोहता आदि क्षेत्र को हम ऑटोमैटिक सिग्नलिंग करेंगे. इसके अंतर्गत एक-एक किलोमीटर पर सिग्नल होते हैं. एक व्यवस्थित इंटरवल बनाकर हम अधिक ट्रेनें चला सकते हैं.
ऑटोमेटिक सिग्नल से बढ़ेगी सुरक्षा :उन्होंने बताया कि, इससे लाइन की क्षमता बढ़ जाती है और एक नियत समय में अधिक ट्रेनों का संचालन किया जा सकता है. आजकल मॉडर्न टेक्नोलॉजी आ गई है जोकि इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग सिस्टम है. उसको लेकर ये काम होगा. ऑटोमेटिक सिग्नल से सुरक्षा भी रहेगी और साथ ही कवच का कार्य भी लिया जाएगा. जैसे-जैसे भविष्य में कवच इंटीग्रेट होगा वैसे-वैसे सुरक्षा और बढ़ती चली जाएगी. वाराणसी व चंदौली के पं. दीनदयाल उपाध्याय जंक्शन (डीडीयू) रूट पर नवंबर-2025 से ऑटोमेटिक सिग्नल से ट्रेनों का परिचालन शुरू हो जाएगा.