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पेसा कानून लाने की तैयारी में चंपाई सरकार, 13 अनुसूचित जिलों में होगा विकास, जानिए क्या हैं प्रावधान - PESA Law In Jharkhand - PESA LAW IN JHARKHAND

Panchayat Extension Act in Scheduled Area. झारखंड मंत्रालय में समीक्षा बैठक के तीसरे और अंतिम दिन मुख्यमंत्री ने पंचायती राज विभाग द्वारा तैयार पेसा-एक परिचय एवं रोड मैप की समीक्षा की. साथ ही पेसा कानून जल्द लागू करने को लेकर अधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिए गए हैं.

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झारखंड मंत्रालय में समीक्षा बैठक (ETV BHARAT)

By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Jun 13, 2024, 8:39 PM IST

रांची: राज्य में एक बार फिर पेसा यानी पंचायत एक्सटेंशन टू शेड्यूल एरिया एक्ट नियमावली को लेकर चंपाई सरकार ने गंभीरता दिखाई है. झारखंड मंत्रालय में समीक्षा बैठक के तीसरे और अंतिम दिन मुख्यमंत्री ने पंचायती राज विभाग द्वारा तैयार पेसा-एक परिचय एवं रोड मैप की समीक्षा की. समीक्षा के दौरान पंचायती राज विभाग के द्वारा पावर प्रजेंटेशन के माध्यम से पेसा कानून नियमावली में किए गए प्रावधान की जानकारी दी गई. इस मौके पर मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन ने कहा कि झारखंड में एक बेहतर पेसा नियमावली बने यह हम सभी की नैतिक जिम्मेदारी है.

समीक्षा के दौरान मुख्यमंत्री ने उपस्थित अधिकारियों के साथ कई महत्वपूर्ण बिंदुओं पर विस्तार से चर्चा की और आवश्यक निर्देश दिये ताकि पेसा कानून को राज्य में जल्द लागू किया जा सके. बैठक में मंत्री दीपक बिरुवा, मुख्य सचिव एल खियांग्ते, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव अविनाश कुमार, पंचायती राज विभाग के प्रधान सचिव विनय कुमार चौबे, मुख्यमंत्री के सचिव अरवा राजकमल, अनुसूचित जनजाति, अनुसूचित जाति, अल्पसंख्यक एवं पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग के सचिव कृपानंद झा, पंचायती राज निदेशक निशा उरांव सहित कई पदाधिकारी उपस्थित थे.

जानिए क्या है झारखंड में पेसा कानून

  • पेसा के जरिए देश के अनुसूचित क्षेत्र के लोगों को ग्राम सभा के माध्यम से सशक्त करने की व्यवस्था की गई है.
  • पेसा कानून जनजाति क्षेत्रों के विकास के लिए 24 दिसंबर 1996 को केन्द्र सरकार ने पारित किया था.
  • झारखंड में पेसा के तहत अनुसूचित क्षेत्रों के 13 जिले आते हैं.
  • झारखंड सरकार के प्रस्तावित पेसा नियमावली के तहत ग्राम सभा सर्वोपरि है.
  • ग्राम सभा की अध्यक्षता मानकी मुंडा पारंपरिक प्रधान करेंगे.
  • ग्राम सभा की सहमति के बिना सरकार जमीन का अधिग्रहण नहीं कर सकेगी.
  • आदिवासियों की जमीन खरीद-बिक्री मामले में भी ग्राम सभा की सहमति की बाध्यता होगी.
  • ग्राम सभा ने कानून व्यवस्था तोड़ने पर सजा का प्रावधान किया.
  • वन उपज में स्थानीय निवासियों की भागीदारी होगी.
  • पुलिस कारवाई पर भी नियमावली में कई प्रावधान किए गए हैं.

13 जिले होंगे पेसा नियम के अधीन

राज्य सरकार पेसा कानून को जल्द ही लागू करने की तैयारी में है. जानकारी के मुताबिक, विभाग द्वारा तैयार प्रस्ताव पर कैबिनेट में विचार होगी फिर इसपर मुहर लगेगी. पेसा के तहत राज्य के 13 जनजाति बहुल जिले होंगे, जिनका विकास इन नियमों के जरिए किया जाएगा. ग्राम सभा और पंचायत को सशक्त करने के लिए कई तरह के प्रावधान किए गए हैं.

आंकड़ों के मुताबिक, पंचायती राज विभाग द्वारा तैयार पेसा नियमावली पर 262 सुझाव और आपत्ति आए थे जिसमें से 142 सुझाव को सरकार ने मानते हुए पेसा नियमावली में संशोधन कर मुख्यमंत्री के समक्ष रखा गया है. गौरतलब है कि पेसा एक्ट 1996 लागू होने के बाद पांचवी और छठी अनुसूची में शामिल सभी राज्यों को अपने-अपने पंचायत राज अधिनियम में पेसा के प्रावधानों को दिसंबर 1997 तक शामिल करने की बाध्यता थी मगर कानूनी लड़ाई की वजह से अब तक झारखंड में लटकता रहा है.

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