मानसून के बीच आसान नहीं होगा गैरसैंण विधानसभा सत्र! (ETV Bharat) देहरादून:उत्तराखंड का आगामी विधानसभा सत्र यानी मानसून सत्र गैरसैंण में आयोजित होना है. विधानसभा का यह मानसून सत्र 21 अगस्त से 23 अगस्त तक ग्रीष्मकालीन राजधानी गैरसैंण के भराड़ीसैंण में आयोजित किया जाना है, लेकिन मानसून की बौछार के बीच सत्र कराना चुनौतियों से भरा रहने वाला है. क्योंकि, इस वक्त सूबे में बारिश भारी तबाही मचा रही है. अगर ऐसा ही चलता रहा तो बारिश सत्र में चुनौतियां बढ़ा सकती है.
गैरसैंण में 21 अगस्त से आहूत होगा मानसून सत्र:बता दें कि लंबे समय से गैरसैंण में विधानसभा सत्र आहूत कराने की मांग की जा रही थी. विपक्ष का आरोप था कि बीजेपी लगातार ग्रीष्मकालीन राजधानी गैरसैंण को नजरअंदाज कर रही है. लिहाजा, अब धामी सरकार ने फैसला लिया है कि विधानसभा का मानसून सत्र में गैरसैंण में आयोजित किया जाएगा. जिसे आगामी रक्षाबंधन के बाद 21 अगस्त से आहूत किया गया है.
यशपाल आर्य बोले- सरकार के पास जवाब देने के लिए कुछ नहीं:नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य का कहना है कि पिछले विधानसभा सत्र के दौरान विधायकों के पत्र को बहाना बनाकर गैरसैंण की अनदेखी कर देहरादून में सत्र आयोजित किया गया. अगला सत्र भी गैरसैंण में होना चाहिए. उन्होंने कहा कि सरकार की तैयारी पूरी नहीं है. सरकार सत्र चलाना नहीं चाहती है और सरकार के पास जवाब देने के लिए कुछ नहीं है.
मानसून के बीच गैरसैंण में होने जा रहे इस विधानसभा सत्र को लेकर शासन प्रशासन तैयारियों में जुटा हुआ है. साथ ही चिंता भी बढ़ रही है. क्योंकि, एक तरफ जहां मानसून के चलते प्रदेश के कोने-कोने से नुकसान की खबरें सामने आ रही हैं तो वहीं केदार घाटी इस वक्त आपदा से जूझ रही है. लगातार मार्ग अवरुद्ध हो रहे हैं. ऐसे में गैरसैंण में विधानसभा सत्र आयोजित करना निश्चित तौर से चुनौतियों भरा हो सकता है.
क्या बोले लोक निर्माण विभाग मंत्री सतपाल महाराज?उत्तराखंड के लोक निर्माण विभाग मंत्री सतपाल महाराज का कहना है कि उन्होंने गैरसैंण विधानसभा सत्र के दौरान व्यवस्थाएं सुचारू रहें, इसको लेकर विभागीय अधिकारियों से बातचीत की है. लोक निर्माण विभाग की पूरी कोशिश रहेगी कि विधानसभा सत्र के दौरान मार्ग चाक चौबंद रहे.
पहाड़ी क्षेत्र से आते हैं ज्यादातर सरकार के लोग, गैरसैंण में नहीं होगी दिक्कत:वहीं, विधानसभा सत्र को लेकर संसदीय कार्य मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल का कहना है कि सरकार पूरी तरह से तैयार है. सरकार के ज्यादातर लोग पहाड़ी क्षेत्र से आते हैं और उन्हें विषम भौगोलिक परिस्थितियों में रहने का अभ्यास है. उन्होंने कहा कि मानसून सीजन के दौरान गैरसैंण में किसी भी तरह की कोई दिक्कत नहीं होगी. सरकार के साथ-साथ पूरा अमला विधानसभा सत्र के लिए पूरी तरह से तैयार है.
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