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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : 4 hours ago

Updated : 2 hours ago

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शिवराज सिंह चौहान का चावल पर चकाचक फैसला, पहरा हटते ही विदेशों में मची लूट - SHIVRAJ SINGH APPROVED EXPORT RICE

केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने धान किसानों को बड़ी खुशखबरी दी है. उन्होंने बताया कि केंद्र सरकार ने गैर बासमती सफेद चावल के निर्यात से प्रतिबंध हटा लिया है. इसके साथ ही सफेद चावल पर 490 डॉलर प्रति टन न्यूनतम निर्यात मूल्य तय किया है.

CENTRAL GOVT LIFT RICE EXPORT BAN
केंद्र सरकार ने चावल के निर्यात से हटाया बैन (ETV Bharat)

भोपाल: धान उत्पादक किसानों को बड़ी राहत देते हुए देश में पैदा होने वाले सफेद चावल का निर्यात किया जाएगा. केन्द्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इसकी जानकारी दी है. उन्होंने कहा कि किसानों के हित में मोदी सरकार का यह एक और बड़ा कदम है. सरकार ने गैस बासमती चावल के निर्यात को खोलने और न्यूनतम निर्यात मूल्य के मूल्य निर्धारण को भी मंजूदी दी गई है. गैर बासमती सफेद चावल पर 490 डॉलर प्रति टन का न्यूनतम निर्यात मूल्य तय किया गया है. इसके अलावा पारबॉइल्ड और ब्राउन चावल पर शुल्क 20 फीसदी से घटाकर 10 फीसदी किया गया है.

किसान कर सकेंगे ज्यादा निर्यात

केन्द्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि "बासमती चावल पर भी न्यूनतम समर्थन मूल्य समाप्त करने का निर्णय लिया गया है. इससे बासमती चावल के उत्पादन करने वाले किसान इसके निर्यात से मुनाफा कमा सकेंगे.'' गौरतलब है कि गैर बासमती सफेद चावल पर 20 जुलाई 2023 से प्रतिबंध लगाया गया था. सरकार के इस फैसले से किसान अब न्यूनतम निर्धारित मूल्य से अधिक कीमत पर ही अपनी उपज का निर्यात कर सकेंगे. इसके अलावा खाद्य तेलों के आयात शुल्क को बढ़ाकर 20 फीसदी किया गया है. उधर केन्द्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भरोसा दिलाया कि, ''तुअर, उड़द और मसूद के किसानों की पूरी फसल की खरीद की जाएगी. सरकार ने लक्ष्य रखा है कि साल 2027-28 तक दलहल के मामले में हम आत्मनिर्भर बनेंगे."

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यह महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए

खाद्य तेलों के आयात शुल्क को बढ़ाकर 20 फीसदी किया गया है. अन्य उपकरणों को जोड़ने पर कुल प्रभावी शुल्क 27.5 फीसदी होगा. वहीं रिफाइंड तेल पर मूल्य शुल्क बढ़ाकर 32.5 फीसदी किया गया. सरकार के इस फैसले से सोयाबीन, सूरजमुखी और मूंगफली उत्पादक किसानों को फायदा होगा. प्याज पर निर्यात शुल्क को भी घटाया गया. पहले यह 40 फीसदी था, जिसे घटाकर 20 फीसदी कर दिया गया. इस निर्णय से प्याज उत्पादक किसानों को फायदा मिलेगा. इसके अलावा राष्ट्रीय नाशीजीव निगरानी प्रणाली लागू की गई. इसके जरिए किसानों को कीट की सही पहचान और प्रबंधन हेतु शीघ्र सलाह दी जाती है. पीएम फसल बीमा के तहत महाराष्ट्र परभणी जिले के 2 लाख किसानों को करीबन 200 करोड़ रुपए से ज्यादा के लंबित क्लेम का भुगतान किया गया. प्रधानमंत्री मोदी ने 61 फसलों की 109 किस्मों में 34 क्षेत्रीय फसलें और 27 बागवानी फसलों की नई किस्में किसानों को समर्पित की हैं.

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