वाराणसी: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के वाराणसी से सांसद बनते ही बनारस के पुराने वैभव और गौरव को लौटाने की पहल शुरू कर दी गई. इस पहल में उनकी मदद करने आगे आया जापान. जिसने अपने शहर क्योटो की तर्ज पर काशी को विकसित करने के लिए समझौता किया. जिसके बाद से जापान ने बनारस के बहुत से कामों में अपना हाथ आगे बढ़ा रहा है. सबसे बड़ी बात यह है कि शहर में बढ़ रही आबादी और रोज आ रही फ्लोटिंग पापुलेशन को मैनेज करते हुए वेस्ट मैनेजमेंट के लिए भी अब जापान भारत की मदद करने जा रहा है. जिसमें उत्तर प्रदेश से वाराणसी ऐसा पहला शहर बनेगा जहां जापान की मदद से वेस्ट मैनेजमेंट के लिए प्रयास शुरू होंगे. और जापान की ही तर्ज पर स्वच्छता प्रशिक्षण के लिए एक्सीलेंस सेंटर खोले जाएंगे. इसके लिए बच्चों को विशेष ट्रेनिंग देने की तैयारी की जा रही है.
क्योटो में ट्रेनिंग के दौरान सेंटर का मिला आईडियाा: हाल ही में वाराणसी नगर निगम से नगर आयुक्त अक्षत वर्मा और वाराणसी के कमिश्नर कौशल राज शर्मा प्रदेश के कुछ बड़े अधिकारियों के साथ जापान की विशेष यात्रा पर गए थे. जहां पर जापान की तर्ज पर बनारस में स्वच्छता प्रशिक्षण एक्सीलेंस सेंटर खोले जाने की सहमति बनी. इस बारे में वाराणसी के नगर आयुक्त अक्षत वर्मा ने बताया कि, स्कूली बच्चों को कूड़ा उठान से लेकर कूड़ा निस्तारण तक की जानकारी देने के लिए जापान में एक अलग से ट्रेनिंग प्रोग्राम चलता है. जिसमें बच्चों को सिखाए जाते हैं कि कैसे सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट का लाभ मिलेगा और इसकी लापरवाही से आपको और आपके परिवार को क्या क्या खतरा हो सकता है. बच्चे प्रशिक्षित हो तो एक पूरा परिवार प्रशिक्षित हो जाता है. इसी बात को ध्यान रखते हुए जापान की तर्ज पर यहां पर भी इस प्रयास को शुरू करने की तैयारी की जा रही है.