सरायकेला: सीएम हेमंत सोरेन के इस्तीफे के बाद चंपई सोरेन झारखंड के नए मुख्यमंत्री होंगे. विधायक दल की बैठक में उन्हें नेता चुना गया है. चंपई सोरेन शिबू सोरेन परिवार के काफी करीबी माने जाते हैं. नतीजन हेमंत सोरेन के इस्तीफे के बाद सोरेन परिवार ने उन पर अपना भरोसा जताया है. इधर, चंपई सोरेन के मुख्यमंत्री बनने की बात सामने आने के बाद सरायकेला जिले के गम्हरिया प्रखंड अंतर्गत जिलिंगगोरा गांव स्थित इनके पैतृक आवास में जश्न का माहौल है.
चंपई सोरेन 5 बार विधायक बने हैं, लगातार 4 बार से सरायकेला विधानसभा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करते आ रहे हैं, इससे पहले वर्ष 2000 में इन्हें हार का सामना करना पड़ा था. तत्कालीन भाजपा प्रत्याशी अनंत राम टुडू ने इन्हें शिकस्त दी थी. हालांकि उसके बाद से ये लगातार विधानसभा चुनाव जीतते आए हैं. वर्ष 2010, 2013 और 2019 में वे झारखंड सरकार में कैबिनेट मंत्री बने.
सामान्य किसान परिवार से आते हैं चंपई सोरेन: अपने चार भाई-बहनों में चंपई सोरेन सबसे बड़े हैं. उनके पिता सरायकेला-खरसावां जिले में स्थित जिलिंगगोरा गांव में खेती करते थे. चंपई भी अपने पिता की मदद करते थे. चंपई ने 10वीं तक सरकारी स्कूल में पढ़ाई की. इसी बीच कम उम्र में ही उनकी शादी मानको से हो गई. शादी के बाद चंपई के 3 बेटे और 3 बेटियां हुईं.
अर्जुन मुंडा सरकार में भी रहे कैबिनेट मंत्री:2010 से 2013 के दौरान बीजेपी नेता अर्जुन मुंडा की 2 साल 129 दिन की सरकार में उन्हें कैबिनेट मंत्री बनाया गया और अहम मंत्रालय दिए गए. चंपई सोरेन 11 सितंबर 2010 से 18 जनवरी 2013 तक मंत्री रहे. इसके बाद झारखंड में राष्ट्रपति शासन लगा दिया गया. लेकिन फिर झामुमो की सरकार बनी और उन्हें खाद्य, नागरिक आपूर्ति और परिवहन मंत्रालय का पदभार सौंपा गया. वे 13 जुलाई 2013 से 28 दिसंबर 2014 तक मंत्री रहे.