देहरादून: गुरुवार 28 नवंबर को दून विश्वविद्यालय में सिलक्यारा विजय अभियान की पहली वर्षगांठ मनाई गई. इसके अलावा 19वां राज्य विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी सम्मेलन-2024 का भी आयोजन किया गया. आयोजित कार्यक्रम में राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल (सेनि) गुरमीत सिंह और मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रतिभाग किया.
इस दौरान राज्यपाल और सीएम ने सिल्क्यारा विजय अभियान पुस्तक समेत अन्य पुस्तकों का विमोचन किया. इसके साथ ही सिल्क्यारा रेस्क्यू अभियान पर बनी शॉर्ट फिल्म का भी अवलोकन किया. इस मौके पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि पिछले साल सिलक्यारा के सफल बचाव अभियान ने आपदा प्रबंधन के क्षेत्र में एक नया अध्याय लिखा था. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन और सहयोग से 17 दिनों के अथक प्रयासों से सिलक्यारा टनल में फंसे हुए 41 श्रमिकों को सुरक्षित बचाया गया था.
सीएम ने कहा कि उस दौरान पूरा विश्व सिल्क्यारा के सफल ऑपरेशन के लिए दुआएं कर रहे थे, जो अभियान सामूहिक समर्पण और तकनीकी दक्षता की अनुपम मिसाल बना है. जिसे अब आपदा प्रबंधन के क्षेत्र में वैश्विक स्तर पर अध्ययन और शोध का विषय भी माना जा रहा है. उन्होंने सिल्क्यारा के सफल रेस्क्यू के एक साल होने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आभार व्यक्त किया.
मुख्यमंत्री ने कहा कि विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी सम्मेलन बीते 19 वर्षों से प्रदेश में विज्ञान एवं नवाचार को प्रोत्साहित करने के साथ ही युवा वैज्ञानिकों को प्रेरित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है. ये सम्मेलन शोध पत्रों के प्रस्तुतीकरण, सामाजिक महत्व के शोध, नवाचार और नीतिनिर्धारण जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर चिंतन का भी मंच है. हर साल सम्मेलन में राज्य से जुड़े महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा होती है, पिछले तीन सालों में सरकार ने ग्रामीण विज्ञान, भारतीय ज्ञान-विज्ञान परंपरा और आपदा प्रबंधन जैसे तमाम विषयों पर नवाचार और शोध को प्रोत्साहित किया है.
मुख्यमंत्री ने कहा कि इस साल सम्मेलन में उत्तराखंड में जल एवं प्राकृतिक संसाधनों का संरक्षण जैसे महत्वपूर्ण विषय पर चर्चा होगी, जो जलवायु परिवर्तन और बढ़ती हुए जनसंख्या को देखते हुए काफी जरूरी है. उत्तराखंड राज्य जल संपदा को संजोए हुए है. ऐसे में इस सम्मेलन में राज्य और देशभर से आए वैज्ञानिकों एवं शोधकर्ताओं को जल स्रोतों के संरक्षण और संवर्धन जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर भी गहन मंथन करना होगा.
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