अजमेर : केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड ने डमी स्कूलों पर अंकुश लगाने के लिए अब अभियान छेड़ा है. सीबीएसई बोर्ड मुख्यालय की टीमों ने राजस्थान और दिल्ली के 27 स्कूलों का निरीक्षण करते हुए हर मापदंड को जांचा है. सीबीएसई मुख्यालय की टीम की ओर से की गई इस कार्रवाई के बीच डमी स्कूल क्या होते हैं, इसकी चर्चा बनी रही. यहां हम आपको बताते हैं कि डमी स्कूल क्या होते हैं और सीबीएसई बोर्ड के इस निरीक्षण की मंशा क्या है?.
बोर्ड सचिव के मुताबिक केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड की 27 टीमों ने निरीक्षण किया है. हर टीम में एक बोर्ड अधिकारी और बोर्ड से सबद्ध स्कूलों के एक प्रिंसिपल शामिल रहे. बोर्ड की ओर से योजनाबद्ध तरीके से एक साथ सभी चिह्नित स्कूलों में एक ही समय पर कार्रवाई की गई, जिससे यह सुनिश्चित हो सके कि स्कूलों के संचालन और अनुपालन के बारे में एकत्र की गई जानकारी सटीक है. कार्रवाई की समीक्षा के बाद नियमों की अनदेखी करने वाले स्कूलों पर कार्रवाई होगी.
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क्या है डमी स्कूल :सीबीएसई बोर्ड से संबद्ध स्कूलों में कई स्कूल ऐसे विद्यार्थियों का एडमिशन देता है, जो विद्यार्थी इन स्कूलों में फिजीकली कभी नहीं आते. ऐसे विद्यार्थियों से स्कूल दुगनी फीस वसूल करता है. स्कूल में विद्यार्थी का एनरोलमेंट रहता है, जबकि विद्यार्थी कहीं और से कोचिंग या प्रोफेशनल कोर्स करते हैं. इनमें जेईई, नीट, आईआईटी की कोचिंग शामिल है. ऐसे विद्यार्थियों का फोकस कोचिंग पर ज्यादा रहता है. ऐसे डमी स्कूल रुपए के लालच में सीबीएसई बोर्ड के नियमों की अवेहलना करते हैं. डमी स्कूलों पर लगाम लगाने के लिए बोर्ड इस तरह के अभियान चलाता है ताकि संबद्ध स्कूल का संचालन विद्यार्थियों का शैक्षणिक और बौद्धिक विकास के लिए हो. बोर्ड सचिव ने बताया कि सीबीएसई तय मानकों को बनाए रखते हुए कार्य करता है. साथ ही सभी संबद्ध स्कूलों से अपेक्षा करता है कि वह इसके दिशा-निर्देशों का सख्ती से पालन करे.