कोरबा: 2019 में हुए नगरीय निकाय चुनाव में कोरबा जिले में महापौर का पद अन्य पिछड़ा वर्ग यानि OBC के लिए आरक्षित थी. इसी वर्ग से चुनकर कांग्रेस के राजकिशोर प्रसाद महापौर निर्वाचित हुए थे. राजकिशोर प्रसाद के निर्वाचन के बाद से ही भाजपा की ओर से महापौर पद का चुनाव 1 वोट से हारने वाली ऋितु चौरसिया को आगे कर बीजेपी वाले इस मामले की शिकायत करते आ रहे थे. प्रदेश में भाजपा की सरकार आने से पहले जिला एवं सत्र न्यायालय कोरबा में यह मामला खारिज हो चुका था.
एसडीएम ने किया सस्पेंड:भाजपाइयों ने जिला स्तरीय जाति प्रमाण पत्र सत्यापन समिति से भी इसकी की थी जिसकाआदेश 4 साल बाद आया है. इस मामले में एसडीएम कोर्ट से आदेश जारी किया गया है. जिसमें महापौर राजकिशोर प्रसाद के जाति प्रमाण पत्र को निलंबित करते हुए इसे राज्य स्तर के उच्च स्तरीय छानबीन समिति को भेजा गया है. किसी जाति प्रमाण पत्र को पूरी तरह से निरस्त करने का अधिकार राज्य स्तर की छानबीन समिति का होता है. अंतिम निर्णय चाहे जो भी हो, इस मामले को लेकर भाजपाइयों में बेहद उत्साह है. आचार संहिता के बीच यह निर्णय आया है. भाजपाइयों के अनुसार महापौर का निर्वाचन शून्य किया जा सकता है. कांग्रेसियों का कहना है कि फिलहाल जाति प्रमाण पत्र सिर्फ निलंबित किया गया है, इसलिए पद छोड़ने की नौबत नहीं आएगी. महापौर पद के लिए आगामी नगरीय निकाय चुनाव इसी वर्ष के अंत में होने हैं.
एसडीएम के आदेश में किन बातों का है जिक्र: अनुविभागीय अंतिम निर्णय चाहे जो भी हो फिलहाल इस मामले अधिकारी राजस्व (SDM) की ओर से जारी आदेश में कहा गया है कि, तहसीलदार कोरबा ने पांच दिसंबर 2019 को अनुमोदित अस्थाई जाति प्रमाण पत्र को प्रथम दृष्ट्या संदेहास्पद एवं कपट पूर्वक पाया. जिसके कारण महापौर राजकिशोर प्रसाद के अन्य पिछड़ा वर्ग जाति प्रमाण पत्र को लिए अंतिम जांच होने तक निलंबित करने का आदेश दिया गया है. इसके साथ ही यह भी कहा गया है कि राजकिशोर प्रसाद द्वारा प्रमाण पत्र का किसी भी प्रकार के हित लाभ के लिए उपयोग नहीं किया जा सकेगा. अंतिम कार्यवाही के लिए प्रमाण पत्र को राज्य स्तरीय छानबीन समिति को भेजा गया.
'सत्य की हुई जीत':इस मामले में शिकायतकर्ता और नगर पालिका निगम में भाजपा पार्षद जो की बीते नगरीय निकाय चुनाव में भाजपा की ओर से महापौर की प्रत्याशी भी थी. उनका कहना है कि इस मामले को लेकर मैने लंबा संघर्ष किया है. महापौर के निर्वाचन के बाद से ही मैंने इसकी शिकायत की थी. लेकिन तब कांग्रेस की सरकार थी. कांग्रेस शासन ने सत्ता का भरपूर दुरुपयोग किया.