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दिल्ली में आयोजित राष्ट्रीय लोक अदालत में 1,56,692 मामलों का निपटारा, 1708.21 करोड़ राशि की सेटलमेंट - NATIONAL LOK ADALAT HELD IN DELHI

निस्तारण के लिए भेजे गए थे कुल 2,79,496 मामले, 90 लाख रूपये की मुआवजा राशि के साथ निपटा एमएसीटी का केस, बीमा कंपनी देगी मुआवजा.

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कोर्ट परिसर का दौरा करते न्यायाधीश (Etv Bharat)

By ETV Bharat Delhi Team

Published : 3 hours ago

Updated : 3 hours ago

नई दिल्ली: दिल्ली राज्य विधिक सेवाएं प्राधिकरण (डीएसएलएसए) ने शनिवार को वर्ष की चौथी और अंतिम राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन किया, जिसमें विभिन्न न्यायिक मुद्दों के समाधान के लिए एक महत्वपूर्ण मंच प्रदान किया गया. इस अवसर पर दिल्ली उच्च न्यायालय के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश और कार्यकारी अध्यक्ष न्यायमूर्ति विभु बाखरू ने तीस हजारी कोर्ट का दौरा किया और लोक अदालत के आयोजनों की व्यवस्था का जायजा लिया. उनके साथ इस कार्य में प्रमुख जिला एवं सत्र न्यायाधीश संजय गर्ग और विनोद कुमार, डीएसएलएसए के सदस्य सचिव राजीव बंसल, तथा अन्य सचिव भी उपस्थित थ.

इस राष्ट्रीय लोक अदालत में न्यायमूर्ति विभु बाखरू ने पीठासीन अधिकारियों और एसोसिएट सदस्यों के साथ सक्रिय चर्चा में भाग लिया. उन्होंने विशेष रूप से ट्रांसजेंडर व्यक्तियों, एसिड अटैक सरवाइवर्स और वरिष्ठ नागरिकों की भूमिका की सराहना की और उनके द्वारा कानूनी प्रणाली में किए गए अमूल्य योगदान को मान्यता दी. यह पहल न केवल कानूनी साक्षरता को बढ़ावा देती है बल्कि समाज के सभी वर्गों के लिए न्याय सेवाएं सुनिश्चित करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम सिद्ध होती है.

विवाद समाधान का एक सशक्त मंच:राजीव बंसल ने इस बात पर जोर दिया कि राष्ट्रीय लोक अदालत विवाद समाधान, सुलह और सौहार्दपूर्ण समाधान के लिए एक विशिष्ट मंच के रूप में कार्य करती है. उन्होंने बताया कि यह प्रयास एक ऐसी कानूनी प्रणाली विकसित करने के लिए हमारी अटूट प्रतिबद्धता को दर्शाता है जो न केवल निष्पक्ष और न्यायपूर्ण है, बल्कि सभी वर्गों के लिए सहज सुलभ भी है.

मामलों का निस्तारण:इस बार की राष्ट्रीय लोक अदालत में 352 पीठों का गठन किया गया. कुल 2,79,496 मामले निस्तारण के लिए भेजे गए थे, जिनमें ट्रैफिक चालानों से संबंधित मामलों की संख्या प्रमुख रही. 1,80,000 नोटिस वाले ट्रैफिक चालान और विभिन्न न्यायालयों के 66,026 मामले शामिल थे. इसके अलावा, दिल्ली उच्च न्यायालय, ऋण वसूली न्यायाधिकरण, उपभोक्ता मंचों और स्थायी लोक अदालतों में 30,518 मुकदमे-पूर्व मामले और 2,212 मामले भी निपटाने के लिए प्रस्तुत किए गए.

उल्लेखनीय मामले:जिला न्यायालयों में कुल 1,54,973 मामलों का निपटारा किया गया, जिसमें 270.81 करोड़ रुपये की निपटान राशि प्राप्त हुई. विशेष रूप से, दिल्ली में 1,92,965 ट्रैफिक चालानों का निपटारा करके 1.67 करोड़ रुपये का जुर्माना भी वसूल किया गया. डीएसएलएसए को गर्व है कि "सुनील बनाम गजेंद्र" शीर्षक वाले एक मामले को साउथ डीएलएसए साकेत न्यायालय परिसर में 90 लाख रुपये के निपटान में तय किया गया.

निपटान राशि रु. 1708.21 करोड़:नई दिल्ली जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, पटियाला हाउस न्यायालय में सौहार्दपूर्ण ढंग से तय हो गया. लोक अदालत बेंच का गठन दिल्ली उच्च न्यायालय, नई दिल्ली में भी किया गया था, जहां 20 मामलों का निपटान रु. 86.11 लाख राशि में किया गया. जिला उपभोक्ता फोरम में भी लोक अदालत पीठों का भी गठन किया गया जहां 206 मामलों का निपटारा रुपये 8.78 करोड़ की निपटान राशि पर किया गया.

ऋण वसूली न्यायाधिकरणों में लोक अदालत पीठों का भी गठन किया गया, जहां 173 मामलों का निपटारा रुपये 1422.62 करोड़ की निपटान राशि पर किया गया. स्थायी लोक अदालत में बिजली मामले के लिए लोक अदालत बेंच का भी गठन किया गया, जहां 1320 मामलों का निपटारा रुपये 5.14 करोड़ की समझौता राशि पर किया गया. कुल मिलाकर 1,56,692 मामले निपटाए गए और निपटान राशि रु. 1708.21 करोड़ थी.

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