नई दिल्लीः दिल्ली हाईकोर्ट ने दिल्ली पुलिस से पूछा है कि क्या वो मकोका मामले के आरोपी और आप विधायक नरेश बाल्यान ने अपनी पत्नी को चुनाव लड़ाने के लिए कस्टडी पेरोल पर रिहा करना चाहते हैं. जस्टिस विकास महाजन इस मामले पर कल यानि 29 जनवरी को भी सुनवाई करेंगे.
दरअसल आज सुनवाई के दौरान नरेश बाल्यान की ओर से पेश वकील ने कहा कि दिल्ली दंगे की साजिश रचने के आरोपी ताहिर हुसैन को सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव प्रचार के लिए कस्टडी पेरोल पर रिहा करने का आदेश दिया है. उन्होंने कहा कि नरेश बाल्यान के खिलाफ मकोका का मामला नहीं बनता है. तब दिल्ली पुलिस की ओर से पेश स्पेशल पब्लिक प्रोसिक्यूटर अमित प्रसाद ने कहा कि नरेश बाल्यान खुद उम्मीदवार नहीं हैं. उन्होंने कहा कि अगर बाल्यान के खिलाफ कई गवाह उसी इलाके के हैं. ऐसे में अंतरिम जमानत नहीं दी जा सकती है. तब कोर्ट ने पूछा कि क्या कस्टडी पेरोल पर रिहा किया जा सकता है? तब अमित प्रसाद ने कहा कि इस पर उन्हें निर्देश लेना होगा. तब कोर्ट ने कहा कि कल 29 जनवरी को निर्देश लेकर आइए. हम सुनवाई करेंगे.
'बाल्यान के खिलाफ मकोका का मामला बनता ही नहीं':बता दें कि 23 जनवरी को बाल्यान की ओर से कहा गया था कि उनके खिलाफ मकोका का मामला बनता ही नहीं है. सुनवाई के दौरान नरेश बाल्यान की ओर से पेश वरिष्ठ वकील विकास पाहवा ने कहा था कि जिस दिन उगाही से जुड़े एक मामले में उनको ज़मानत मिली, उसी दिन मकोका मामले में उनको गिरफ्तार कर लिया गया. हालाकि उगाही मामले में कोर्ट ने जमानत देते हुए कहा था कि बाल्यान के खिलाफ कोई पैसे का लेन-देन नहीं मिला. पाहवा ने कहा कि दो इकबालिया बयान जिसमें बाल्यान को सिंडिकेट का हिस्सा बताया गया था. इकबालिया बयान में बाल्यान का नाम लिया गया था, और वह भी कोरे कागज पर, जबकि इकबालिया बयान डीसीपी द्वारा और स्वतंत्र माहौल में दर्ज किया जाना चाहिए.