जयपुर. बजरी के अवैध खनन, परिवहन और भंडारण के खिलाफ अभियान के दौरान गुरुवार को बड़े पैमाने पर कार्रवाई की गई. इस दौरान जयपुर जिले के चाकसू थाने में तीन डंपरों के नंबरों के आधार पर डंपर मालिकों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई गई है. वहीं, दो दिन में अब तक 17 एफआईआर दर्ज कराई जा चुकी है. इसमें बजरी से संबंधित अतिरिक्त निदेशक कोटा के क्षेत्र में 5 और अतिरिक्त निदेशक जयपुर के क्षेत्राधिकार में एक एफआईआर दर्ज कराई गई है. वहीं, कोटा में अन्य अवैध खनिज गतिविधियों में 5 और उदयपुर में 6 एफआईआर दर्ज कराई गई है.
59 वाहन किए गए जब्त :निदेशक माइंस भगवती प्रसाद कलाल ने बताया कि सघन चेकिंग अभियान से अवैध गतिविधियों पर असर पड़ा है. इस कार्रवाई में अवैध खनन गतिविधि में लिप्त 7 एस्केवेटर, जेसीबी मशीन समेत 59 वाहन पकड़े गए हैं. अब तक अवैध खनन के 5 और अवैध परिवहन के 48 प्रकरण दर्ज किए जा चुके हैं. खान विभाग के निदेशक ने बताया कि विभाग की तरफ से बजरी खनन प्रभावित क्षेत्रों में गठित 27 टीमों की सख्ती का असर भी नजर आ रहा है. जांच अभियान के कारण अवैध गतिविधियां प्रभावित होने लगी हैं.
इसे भी पढ़ें-बजरी माफियाओं के खिलाफ पुलिस का एक्शन, बजरी परिवहन के रास्तों को किया अवरुद्ध - Dholpur Police Action
एसएमई एन. एस. शक्तावत के निर्देशन में चाकसू के पास बजरी से भरे तीन डंपरों की एएमई सुभाष डांगी, फोरमेन स्वाती की टीम कीे घेराबंदी पर डंपर चालकों ने सड़क पर बजरी फैलाते हुए भागने में सफल हो गए. विभाग की ओर से तीनों डंपरों के नंबरों के आधार पर डंपर मालिकों के खिलाफ राजकीय कार्य में बाधा डालने और अवैध खनिज परिवहन के लिए चाकसू थाने में एफआईआर दर्ज कराई गई है. इसी तरह से सावर में 2 गिट्टी और एक ग्रेनाइट का अवैध परिवहन करते हुए वाहन जब्त किए गए हैं. टोंक, पीपलू में दो ट्रैक्टर जब्त किए गए हैं. बाड़मेर में एमई वेदप्रकाश के निर्देशन में पायला चौक में एक डंपर और गुढ़ामलानी के नई उंदरी में एक लोडर, ट्रैक्टर-ट्रॉली और 28 टन अवैध भंडारित खनिज जब्त किया गया. एमई सोजत विनित गहलोत के निर्देशन में देसूरी में बजरी की एक ट्रैक्टर-ट्रॉली पकड़ी गई.
जब्ती के साथ लगाया जुर्माना :टोंक के दूनी में एक एस्केवेटर और एक डंपर सहित भंडारित खनन सामग्री जब्त कर साढे़ सात लाख रुपए से अधिक का जुर्माना वसूला जा चुका है. इसके अलावा 8 लाख रुपए से अधिक की जुर्माना राशि कोटा, जोधपुर, उदयपुर अतिरिक्त निदेशक के क्षेत्राधिकार में कार्रवाई करते हुए वसूली गई है.