बलौदाबाजार:छत्तीसगढ़ के मशहूर बारनवापारा अभ्यारण में 21 अक्टूबर से तितली सम्मेलन शुरू हुआ. जो 23 अक्टूबर तक चलेगा. बटरफ्लाई मीट में तितलियों का सर्वे किया जाएगा. इस दौरान कई खूबसूरत तितलियों को जानने और समझने का मौका मिलेगा. सोमवार को 37 प्रतिभागियों का पंजीयन हुआ. जिनमें कुछ अनुभवी है तो कोई पहली बार बटरफ्लाई मीट में पहुंचे. मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय और वन विभाग के निर्देश पर बारनवापारा में तीन दिवसीय तितली सम्मेलन किया जा रहा है.
बारनवापारा में 150 प्रजाति की तितलियां:खास बात यह भी है कि बारनवापारा अभयारण्य में 150 प्रजाति की तितली और मोथ पाई जाती हैं. वन्यप्राणी संरक्षण अधिनियम 1972 की शेड्यूल वन की क्रिमसन रोज (पैचीलौप्टा हेक्टर) डनाइड इगली (हाइपो सिलिमस मिसीपस) शेड्यूल दो की सिपोरा निरिसा, होगारा एनेक्स, यूक्रीशॉप्स सीनेजस, जेनेलिया लेपीडिया रपेला वरुणा, लैंपिडर्स बोइहन, तजुना शिप्स प्रजाति पाई जाती है. शेड्यूल 6 की भी बहुत से प्रजाति पाई जाती है.
बारनवापारा अभयारण्य में बटरफ्लाई मीट (ETV Bharat Chhattisgarh)
बारनवापारा वन्यजीव अभयारण्य कहां है: यह छत्तीसगढ़ के बलौदाबाजार जिले में है. राजधानी से 90 किलोमीटर दूर और बलौदाबाजार जिले मुख्यालय से 58 किलोमीटर दूर बारनवापारा स्थित है. यह अभयारण्य 244.66 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र में फैला है. यह छत्तीसगढ़ के आकर्षक और मनमोहक वन्यजीव अभयारण्यों में से एक है. बारनवापारा का अपने बड़े आकार के कारण महत्वपूर्ण पारिस्थितिक महत्व है.
हर साल हजारों पर्यटक आते हैं घूमने (ETV Bharat Chhattisgarh)
बारनवापारा में कई तरह के वन्यप्राणी:बारनवापारा अभयारण्य समतल और पहाड़ी क्षेत्र का मिश्रण है. यह 265 मीटर से 400 मीटर के क्षेत्र में फैला हुआ है. इस अभयारण्य में चार सींग वाले हिरण, बाघ, तेंदुए, जंगली भैंसें, अजगर, बार्किंग हिरन, हाइना, साही, चिंकारा और ब्लैक बक्स हैं. बारनवापारा अभयारण्य में 14-16 हाथियों का दल निवास कर रहा है. पिछले 8 माह से एक बाघ लगातार अभयारण्य में विचरण कर रहा है. बारनवापारा अभयारण्य में बगुले, बुलबुल, इरगेट्स और तोता की कई प्रजातियां हैं. इस वन क्षेत्र में शुष्क पर्णपाती और अन्य पेड़ हैं, जिनमें तेंदू, बीर, सेमल, साक, टीक और बेंत शामिल हैं.
बारनवापारा अभयारण्य में ब्लैक बक (ETV Bharat Chhattisgarh)