जामताड़ा:साइबर अपराध के लिए बदनाम जामताड़ा जिले के व्यवसायी इन दिनों खौफ में हैं. उन पर भी साइबर अपराधियों का खौफ मंडराने लगा है. साइबर अपराधियों के खौफ से जामताड़ा के व्यवसायी ऑनलाइन पेमेंट लेने से डर रहे हैं. स्थिति यह है कि कई पेट्रोल पंप व्यवसायियों ने तो ऑनलाइन पेमेंट लेना ही बंद कर दिया है. इस वजह से कैशलेस ट्रांजेक्शन करने वाले उपभोक्ताओं को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. इसके पीछे व्यवसायियों द्वारा दिया जा रहा तर्क काफी गंभीर और चिंता का विषय है.
क्या है पूरा माजरा
दरअसल जामताड़ा में साइबर अपराधी व्यवसायियों से सामान लेते समय या पेट्रोल खरीदते समय ठगी के पैसे का इस्तेमाल कर ऑनलाइन भुगतान कर देते हैं. व्यवसायियों को पता ही नहीं चलता कि उनके ग्राहक साइबर अपराधी हैं, वहीं साइबर अपराधी ठगी किए हुए पैसे से सामान खरीदकर ऑनलाइन भुगतान कर देते हैं. जिसके बाद जब पुलिस जांच करती है तो इन व्यवसायियों के खाते भी इस जांच के दायरे में आ जाते हैं.
नतीजा यह होता है कि जांच के दौरान उनका बैंक खाता फ्रीज कर दिया जाता है और पुलिस का नोटिस आ जाता है. इसके बाद उन्हें पता चलता है कि उनके खाते में साइबर ठगी का भुगतान कर सामान खरीदा गया है या भुगतान किया गया है. ऐसे में व्यवसायी को खाता चालू कराने के लिए थाने का चक्कर लगाना पड़ता है और काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है.
इन परेशानियों से बचने के लिए व्यवसायियों ने अब ऑनलाइन पेमेंट नहीं लेने का फैसला किया है. कई ने तो ऑनलाइन पेमेंट लेना भी बंद कर दिया है. अब नकद भुगतान लेकर ही सामानों का लेनदेन किया जा रहा है. जामताड़ा में कई ऐसे व्यवसायी हैं जो साइबर अपराधियों के झांसे में आ चुके हैं और ऑनलाइन भुगतान को लेकर उन्हें परेशानी का सामना करना पड़ा है.
क्या कहते हैं उपभोक्ता
पेट्रोल पंप पर पहुंचे ग्राहकों का कहना है कि साइबर क्राइम के चलते ऑनलाइन पेमेंट स्वीकार नहीं करने से काफी परेशानी होती है. कैश नहीं होने पर हम सामान खरीदते हैं और ऑनलाइन पेमेंट कर देते हैं. लेकिन ऑनलाइन पेमेंट स्वीकार नहीं करने से परेशानी का सामना करना पड़ता है, यहां तक कि अगर बार-बार एटीएम से पैसे निकाले जाते हैं तो उसमें से भी पैसे कट जाते हैं.
क्या कहते हैं पेट्रोल पंप संचालक
पेट्रोल पंप पर ऑनलाइन पेमेंट स्वीकार न करने के बारे में पेट्रोल पंप संचालक से भी बात की गई. पेट्रोल पंप के मैनेजर ने बताया कि साइबर अपराधी द्वारा पैसे दिए जाने पर उनका अकाउंट फ्रीज हो जाता है और फिर उन्हें तेल उठाने में दिक्कत आती है. इस परेशानी के चलते उन्होंने ऑनलाइन पेमेंट लेना बंद कर दिया है और मजबूरन उन्हें कैश लेना पड़ रहा है.
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