बुरहानपुर।मुगल काल में राजा-महाराजाओं को अक्सर छल-कपट से मारने की साजिश रची जाती थी. कई बार उन्हें पेय पदार्थ में जहर घोलकर मार दिया जाता था. इसी से बचने के लिए राजा-महाराज एक विशेष प्रकार के गिलास का इस्तेमाल पेय पदार्थ लेने के लिए करते थे. उस समय कलाकारों ने ऐसे गिलास बनाए, जो पेय पदार्थ में जहर या कीटनाशक का पता लगा लेता था.
राजा-महाराजाओं ने सुरक्षा के लिए बनवाया था गिलास
देश के ऐतिहासिक शहर बुरहानपुर में कई शताब्दी पहले राजा-महाराजाओं ने शासन किया. युद्ध में अपना कौशल दिखाने के साथ ही ये राजा खाली समय में मनपसंद तरल पदार्थों का लुत्फ लेते थे. अपने शौक पूरा करने के दौरान राजा-महाराजाओं को जान का खतरा भी रहता था. क्योंकि पेय पदार्थों में जहर भी मिला दिया जाता था. ऐसे में राजा-महाराजाओं ने उस समय की तकनीक से कई अनोखी और दैनिक जीवन में उपयोग में आने वाली वस्तुओं को ईजाद कराया. ये वस्तूएं आज भी उपयोग में आ रही हैं. इन अनमोल वस्तुओं को इतिहास के प्रेमियों ने संजोकर रखा है.
मुगलकालीन ये गिलास सामान्य नहीं है
पुरातन प्रेमी वैद्य सुभाष माने बताते हैं "इन्हीं वस्तुओं में से एक है मुगल काल का कांसे का गिलास. यह गिलास सामान्य नहीं है. अपने आप में विशेष गुण रखता है. यह गिलास किसी की जान बचा सकता है. मुगलकाल में कांसे का एक ऐसा गिलास बनाया गया था, जिससे जहर का पता लगाया जा सकता था. परिस्थितियों को भांपकर राजा-महाराजा इसका उपयोग करते थे, इससे वह अपनी जान बचा सकते थे. इस गिलास को बनाने में कांसे के साथ कांच का उपयोग किया गया. बुरहानपुर में 400 साल पुराना गिलास आज भी सुरक्षित है."