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ये हकीकत है साहब! पानी पीने से पहले यहां खोदना पड़ता है गड्ढा, फिर मीलों का सफर - Burhanpur Tribal Area Water Crisis - BURHANPUR TRIBAL AREA WATER CRISIS

एक कहावत तो आपने जरूर सुनी होगी कि रोज कुआं खोदो और पानी पीयो, इन तस्वीरों को देखकर आप भी यही कहने को मजबूर हो जाएंगे. इस भीषण गर्मी में यदि आपको प्यास लगी है तो पहले गड्ढा खोदना होगा और फिर पानी निकल आया तो आपकी किस्मत.

WATER CRISIS DHULKOT AREA MAFI FALIA
धूलकोट के माफी फालिया गांव में नहीं बचा पानी (ETV Bharat)

By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Jun 7, 2024, 10:23 PM IST

बुरहानपुर।आपको यकीन नहीं होगा ये बुरहानपुर जिले की तस्वीर है, उस बुरहानपुर जिले की जिसे कुछ साल पहले देश में सबसे पहले हर घर नल से जल देने के लिए प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति के हाथों सम्मान मिला था. लेकिन अब तस्वीर बदल चुकी है. इन तस्वीरों को देखकर अब बोतलबंद पानी पीने वाले और एसी में बैठकर बड़ी-बड़ी हुंकार भरने वाले जनप्रतिनिधि और अधिकारियों के कानों पर अब जूं नहीं रेंग रही है. जिस पानी को गंदा और मटमैला बताया जा रहा है इसी पानी को पीने के लिए आदिवासी परिवारों को पहले गड्ढा खोदना पड़ता है और फिर पानी भरकर मीलों का सफर पैदल तय करना पड़ता है.

पानी पीने से पहले यहां खोदना पड़ता है गड्ढा (ETV Bharat)

धूलकोट के माफी फालिया गांव में नहीं बचा पानी

धूलकोट के माफी फालिया गांव में 20 से ज्यादा आदिवासी परिवार हैं. यहां एक मात्र हैंडपंप सूख चुका है और खराब पड़ा है. पीएचई विभाग ने ना तो इसे ठीक कराया और ना ही पेयजल की कोई दूसरी वैकल्पिक व्यवस्था की. अब इन आदिवासी परिवारों को पीने के पानी के लिए पहले तो कई किमी दूर सूखी नदी-नालों के आसपास छोटे-छोटे गड्ढे या झिर खोदती हैं और फिर उनमें यदि पानी आ जाता है फिर उसी मटमैले और गंदे पानी को भरते हैं और पीने के लिए इस्तेमाल करते हैं. इसके लिए उन्हें दिन भर इसी तरह जद्दोजहद करना पड़ती है. इसी पानी को पीने के कारण कई बार यहां के बच्चे और लोग बीमार भी हो जाते हैं.

गंदा और मटमैला पानी पी रहे आदिवासी (ETV Bharat)
पीने के पानी के लिए यहां खोदना पड़ता है गड्ढा (ETV Bharat)

सभी पेयजल स्त्रोतों ने तोड़ा दम

धूलकोट क्षेत्र में गर्मी के मौसम में ग्रामीणों के लिए पीने का पानी जुटाना किसी संघर्ष से कम नहीं होता है. गर्मी के मौसम में बारिश आने के पहले भूजलस्तर में गिरावट के चलते पानी के सभी स्त्रोत सूख चुके हैं. जब तक मानसून सक्रिय नहीं होता और नदी नालों में भरपूर पानी नहीं आ जाता तब तक क्षेत्र में जलसंकट की यही स्थिती रहती है.

पानी के लिए मीलों का सफर (ETV Bharat)

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धूलकोट में लाया जाएगा नर्मदा का पानी

पंचायत के जनप्रतिनिधियों का कहना है इस समस्या के लिए उनके द्वारा जनपद पंचायत के माध्यम से पीएचई विभाग को अवगत करा दिया गया है. उधर कलेक्टर भव्या मित्तलका कहना है कि"धूलकोट क्षेत्र में भूजलस्तर काफी नीचे चला जाता है और यहां बोर भी किए जाते हैं लेकिन बोर पूरी तरह से फेल हो रहे हैं. धूलकोट में अब नर्मदा का पानी लाया जाएगा उसके बाद आने वाले दिनों में योजना बनाकर ग्रामीणों को पीने के पानी की समस्या से निजात दिलाई जाएगी."

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