बुरहानपुर : जिले के खेतों में उगाए गए केले के बाद हल्दी ने धूम मचाई है. हाल ही में मध्य प्रदेश के बुरहानपुर की हल्दी ने वैश्विक स्तर पर पहचान बनाई है. दरअसल, बीते दिनों नमस्ते भारत प्रदर्शनी लगाई थी, इस प्रदर्शनी में रूस की दो कंपनियों ने बुरहानपुर की हल्दी को खूब पसंद किया है. कंपनी ने सैम्पल के तौर पर 80 किलो हल्दी पाउडर लिया था, जिसमें करक्यूमिन की मात्रा देख वे खासे प्रभावित हुए और रूस के लिए 20 टन हल्दी का ऑर्डर दे दिया.
शक्तिशाली एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर है बुरहानपुर की हल्दी
दरअसल, दो रूसी कंपनी के प्रमुखों ने पाया कि बुरहानपुर की हल्दी में करक्यूमिन की मात्रा 3.2 है. करक्यूमिन एक शक्तिशाली एंटीऑक्सीडेंट और एंटी-इंफ्लेमेटरी है, जो स्वास्थ्य के लिए कई तरह के लाभ प्रदान करता है. इसके चलते रूसी कंपनियों ने तुरंत ही 20 टन हल्दी का ऑर्डर दे दिया. यहां से जल्द ही 20 टन हल्दी कंटेनर या समुद्री मार्ग से रूस एक्सपोर्ट की जाएगी. फिलहाल बुरहानपुर के किसानों से दोनों कंपनियों के प्रमुखों ने उद्यानिकी विभाग के जरिए अनुबंध साइन किए हैं.
किसानों के लिए सोना है बुरहानपुर की हल्दी
बता दें कि बुरहानपुर जिले में करीब 4500 हेक्टेयर में सेलम किस्म की हल्दी की खेती की जाती है. इस खेती से प्रत्यक्ष रूप से करीब 1680 किसान, जबकि अप्रत्यक्ष रूप से 3000 लोगों को रोजगार मिल रहा है. स्थानीय किसान इस उपलब्धि से काफी खुश हैं, इससे उन्हें हल्दी के बेहतर दाम मिलेंगे. साथ ही उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार आएगा. गौरतलब है कि अब तक किसान हल्दी को महाराष्ट्र के सांगली स्थित मंडी में बेचते थे, लेकिन अब उनकी हल्दी को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान मिल रही है.
महाराष्ट्र के सीमावर्ती गांव लोनी के किसान सुनील महाजन कहते हैं,'' अब इस उपलब्धि से हल्दी उत्पादन के रकबा में बढ़ोतरी होगी, अब तक यहां का किसान सांगली में हल्दी की उपज बेचने जाते थे, लेकिन अब उद्यानिकी विभाग के माध्यम से वह अंतरराष्ट्रीय बाजारों में हल्दी बेच पाएंगे. इससे हल्दी उत्पादक किसानों को बंपर कमाई होगी, आय दोगुनी हो सकती है.''