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मध्य प्रदेश की हल्दी का रूस में जलवा, खासियत देख रशियंस ने दिया 20 टन का ऑर्डर - BURHANPUR HALDI EXPORT TO RUSSIA

बुरहानपुर की हल्दी ने बनाई अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर पहचान, शक्तिशाली एंटीऑक्सीडेंट देख रूसी चौंके, तुंरत दे दिया 20 टन का ऑर्डर.

BURHANPUR SELAM HALDI
किसानों के लिए सोना है बुरहानपुर की हल्दी (Etv Bharat)

By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Feb 19, 2025, 11:41 AM IST

Updated : Feb 20, 2025, 6:58 AM IST

बुरहानपुर : जिले के खेतों में उगाए गए केले के बाद हल्दी ने धूम मचाई है. हाल ही में मध्य प्रदेश के बुरहानपुर की हल्दी ने वैश्विक स्तर पर पहचान बनाई है. दरअसल, बीते दिनों नमस्ते भारत प्रदर्शनी लगाई थी, इस प्रदर्शनी में रूस की दो कंपनियों ने बुरहानपुर की हल्दी को खूब पसंद किया है. कंपनी ने सैम्पल के तौर पर 80 किलो हल्दी पाउडर लिया था, जिसमें करक्यूमिन की मात्रा देख वे खासे प्रभावित हुए और रूस के लिए 20 टन हल्दी का ऑर्डर दे दिया.

रूसी कंपनियों को कच्ची हल्दी के साथ पसंद आया हल्दी पाउडर (Etv Bharat)

शक्तिशाली एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर है बुरहानपुर की हल्दी

दरअसल, दो रूसी कंपनी के प्रमुखों ने पाया कि बुरहानपुर की हल्दी में करक्यूमिन की मात्रा 3.2 है. करक्यूमिन एक शक्तिशाली एंटीऑक्सीडेंट और एंटी-इंफ्लेमेटरी है, जो स्वास्थ्य के लिए कई तरह के लाभ प्रदान करता है. इसके चलते रूसी कंपनियों ने तुरंत ही 20 टन हल्दी का ऑर्डर दे दिया. यहां से जल्द ही 20 टन हल्दी कंटेनर या समुद्री मार्ग से रूस एक्सपोर्ट की जाएगी. फिलहाल बुरहानपुर के किसानों से दोनों कंपनियों के प्रमुखों ने उद्यानिकी विभाग के जरिए अनुबंध साइन किए हैं.

इस तरह नजर आती है खेत से निकली कच्ची हल्दी (Etv Bharat)

किसानों के लिए सोना है बुरहानपुर की हल्दी

बता दें कि बुरहानपुर जिले में करीब 4500 हेक्टेयर में सेलम किस्म की हल्दी की खेती की जाती है. इस खेती से प्रत्यक्ष रूप से करीब 1680 किसान, जबकि अप्रत्यक्ष रूप से 3000 लोगों को रोजगार मिल रहा है. स्थानीय किसान इस उपलब्धि से काफी खुश हैं, इससे उन्हें हल्दी के बेहतर दाम मिलेंगे. साथ ही उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार आएगा. गौरतलब है कि अब तक किसान हल्दी को महाराष्ट्र के सांगली स्थित मंडी में बेचते थे, लेकिन अब उनकी हल्दी को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान मिल रही है.

जानें बुरहानपुर की हल्दी क्यों है इतनी खास? (Etv Bharat)

महाराष्ट्र के सीमावर्ती गांव लोनी के किसान सुनील महाजन कहते हैं,'' अब इस उपलब्धि से हल्दी उत्पादन के रकबा में बढ़ोतरी होगी, अब तक यहां का किसान सांगली में हल्दी की उपज बेचने जाते थे, लेकिन अब उद्यानिकी विभाग के माध्यम से वह अंतरराष्ट्रीय बाजारों में हल्दी बेच पाएंगे. इससे हल्दी उत्पादक किसानों को बंपर कमाई होगी, आय दोगुनी हो सकती है.''

सेलम किस्म की हल्दी की विदेशों तक भारी डिमांड (Etv Bharat)

बुरहानपुर की हल्दी क्यों है खास?

इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के " एक जिला एक उत्पाद " कार्यक्रम में बुरहानपुर जिले के केले को शामिल किया जा चुका है. अब इस कार्यक्रम में हल्दी को भी शामिल कर लिया गया है, इसके बाद अब सकारात्मक परिणाम सामने आ रहे हैं. अधिकारियों का कहना है कि हल्दी को भेजने से पहले रूस की लैब में टेस्टिंग कराई गई है, इस टेस्ट में हल्दी में करक्यूमिन की मात्रा 3.2 मिली है. यही वजह है कि बुरहानपुर की हल्दी की मांग विदेशों में शुरू हो चुकी हैं.

बुरहानपुर में 4500 हेक्टेयर में उगाई जा रही स्पेशल हल्दी (Etv Bharat)

क्या होता है करक्यूमिन?

हल्दी में पाए जाने वाले पीले रंग के पदार्थ को करक्यूमिन कहते हैं. यह एक पॉलीफेनॉलिक कंपाउंड होता है. पॉलीफेनॉलिक कंपाउंड का अर्थ है खाद्य पदार्थों में पाया जाने वाला एक तरह का कंपाउंड. करक्यूमिन एक शक्तिशाली एंटीऑक्सीडेंट और एंटी-इंफ्लेमेटरी होता है, जो मानव शरीर के लिए काफी फायदेमंद होता है. एंटीऑक्सीडेंट होने के साथ यह रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने, शरीर में सूजन या जलन कम करने और दिमागी शक्ति बढ़ाने में काफी मददगार होता है. भारत में जहां हल्दी को मसाले के तौर पर काफी इस्तेमाल किया जाता है, तो वहीं पारंपरिक एशियाई चिकित्सा में भी इसका इस्तेमाल देखने मिलता है.

उद्यानिकी विभाग के उप संचालक राजू बडवाया ने कहा, '' नमस्ते भारत प्रदर्शनी के दौरान हम कच्ची हल्दी लेकर वहां पहुंचे थे. रूस के लोगों ने पाउडर के साथ कच्ची हल्दी को भी खूब सराहा है. बुरहानपुर की हल्दी फर्म के साथ रूस की कंपनियों ने एमओयू साइन किया है, इसके तहत 20 टन हल्दी यहां से रूस जाएगी. भविष्य में हम केला पाउडर भी एक्सपोर्ट करने की योजना बना रहे हैं.''

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Last Updated : Feb 20, 2025, 6:58 AM IST

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