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बुरहानपुर की दराबा मिठाई की दिल्ली में भारी डिमांड, 400 सालों में जिसने भी चखा दूसरा स्वाद भूला - Burhanpur Daraba Mithai - BURHANPUR DARABA MITHAI

कभी मुगल बादशाहों की पंसद रही 'दराबा' मिठाई के दीवाने देश के साथ विदेशों तक है. 36 से 48 घंटे में तैयार होने वाली इस मिठाई का इतिहास 400 साल पुराना है. खास बात ये है कि भगवान बालाजी को भी ये मिठाई पंसद है और ये सिर्फ बुरहानपुर में ही बनती है. यही नहीं इसका स्वाद 3 महीनों तक प्रीजर्व किया जा सकता है.

Mughal Era Sweet Daraba
बुरहानपुर की स्पेशल दराबा मिठाई (ETV Bharat)

By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Jun 19, 2024, 6:44 PM IST

Updated : Jun 21, 2024, 12:32 PM IST

Balaji Maharaj Favourite Prasad:मध्य प्रदेश के ऐतिहासिक और पुरातात्विक संपदा से भरपूर जिलों में शामिल बुरहानपुर की कई खासियत हैं लेकिन इनमें से एक यहां की विशेष मिठाई दराबा है. इस मिठाई के दीवाने न केवल शहर और आसपास के लोग हैं बल्कि देश और विदेश से आने वाले पर्यटक भी इस मिठाई के मुरीद हैं. शुद्ध देसी घी से बनने वाली यह खास मिठाई भगवान बालाजी महाराज को भी प्रसाद के तौर पर चढ़ाई जाती है. इस मिठाई को भगवान बालाजी महाराज का प्रिय प्रसाद माना जाता है.

48 घंटे में तैयार होती है दराबा मिठाई (ETV Bharat)

48 घंटे में तैयार होती है मिठाई

दराबा मिठाई का इतिहास कुछ सालों का नहीं बल्कि यह 400 साल पुरानी मिठाई है और आज भी यह मिठाई तैयार हो रही है. पिछले कुछ सालों से इसकी डिमांड बढ़ती जा रही है. खास बात यह है कि इस नाम की यह मिठाई सिर्फ बुरहानपुर में ही बनती है. मुगल बादशाह भी इसे खूब पसंद करते थे. इसकी विशेषता यह है कि इसे बनाने में 36 से 48 घंटे का समय लगता है और यह मिठाई 3 महीने तक खराब नहीं होती है.अब इस मिष्ठान को राष्ट्रीय स्तर की पहचान मिलनी शुरू हो गई है.

बुरहानपुर की फेमस मिठाई दराबा (ETV Bharat)

जानें कैसे तैयार होती है दराबा मिठाई

दराबा मिठाई 3 महीने तक खराब नहीं होती. दराबा मिठाई को बनाने के लिए शुद्ध देसी घी, शक्कर और रवा का उपयोग किया जाता है. इसको मिलाकर एक बड़ी कढ़ाई में एक दिन सेका जाता है, फिर पिसी शक्कर मिलाकर पूरे दिन हाथों से या मशीन से रगड़कर मुलायम बनाते हैं. 48 घंटे होने के बाद यह तैयार होता है. इसको बनाने में बहुत अधिक मेहनत लगती है. यह मिठाई स्वास्थ्य के लिए बहुत लाभदायक होती है. खराब नहीं होने से ज्यादातर मुसाफिर इसको सफर में भी सबसे अधिक खाना पसंद करते हैं.

400 साल पुराना है दराबा मिठाई का इतिहास (ETV Bharat)

भगवान बालाजी का है प्रिय प्रसाद

बड़े बालाजी मंदिर समिति के सदस्य आशीष भगत बताते हैं "करीब 400 सालों से भगवान बालाजी को 'दराबा' का भोग लगाया जा रहा है. बालाजी मेले में दराबा की डिमांड बढ़ जाती है. हरेक श्रद्धालु प्रसादी के लिए दराबा ही खरीदता है. भोग लगाकर शेष दराबा प्रसादी वितरण के लिए साथ ले जाते हैं इसके सेवन के अनेक फायदे हैं".

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देश-विदेश में हैं दराबा की डिमांड

बड़े पैमाने पर दराबा की बिक्री करने वाले शम्मी देवड़ा बताते हैं कि "अब दिन प्रतिदिन दराबा की डिमांड बढ़ रही है. दिल्ली में सभी राज्यों से मिठाई मंगवाई गई थी, इसमें बुरहानपुर से प्रसिद्ध दराबा मिठाई को शामिल किया गया था. दराबा एक ऐसी मिठाई है जो 3 महीने तक खराब नहीं होती और जितनी बासी होती हैं उतना ही उसका स्वाद बढ़ता है. दराबा भगवान बालाजी का प्रिय प्रसाद है. इसको खाने से शारीरिक कमजोरी दूर होती है. इसके सेवन के अनगिनत फायदे हैं. हमारी दुकान से रोजाना 30 किलो की खपत हो रही है. इसके अलावा देशभर से आर्डर आते हैं. इस मिठाई को लोग बेहद पसंद करते हैं. बुरहानपुर में कई दुकानों पर यह मिठाई बनाई जाती है."

Last Updated : Jun 21, 2024, 12:32 PM IST

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