बुरहानपुर।जिला मुख्यालय से 45 किमी दूर आदिवासी बाहुल्य धूलकोट के माफी फालिया से शुक्रवार को मानवता को शर्मसार करने वाला मामला सामने आया है. दरअसल सड़क दुर्घटना में गंभीर रूप से घायल दित्तू पिता वेस्ता को परिजन खटिया के सहारे कांधे पर लाद कर मुख्य मार्ग तक लाये. इसके बाद घायल दितु को करीब डेढ़ घंटे की देरी से एम्बुलेंस के माध्यम से धुलकोट सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचाया गया. इस घटना से सरकार के बेहतर मूलभूत सुविधाओं के बेहतर दावों की पोल खुल गई है.
गांव तक पहुंचने वाली सड़क खस्ताहाल
ग्रामीण भीम सिंह का कहना है कि, ''माफी फालिया में करीब 40 घर बनाए गए हैं, यह फालिया मुख्य मार्ग से करीब एक किमी दूर है. गांव तक पहुंचने वाला कच्चा मार्ग बरसात के दिनों में बड़े-बड़े गड्ढों में तब्दील हो जाता है, इससे मार्ग पूरी तरह खस्ताहाल हो जाता है. ग्रामीणों का पैदल चलना भी दूभर हो जाता है. लोग किसी तरह बाइक और बैलगाड़ी निकालते हैं.''
गांव में नहीं पहुंची एंबुलेंस, खाट से ले गए परिजन
प्राप्त जानकारी के मुताबिक दित्तू पुत्र वेस्ता गांव के पास ही बाइक फिसलने से गंभीर रूप से घायल हो गया था. सूचना मिलने पर ग्रामीणों ने एंबुलेंस 108 को फोन लगाया. एंबुलेंस तो समय से पहुंच गई, लेकिन मार्ग की हालत देख कर चालक ने वाहन आगे ले जाने से इनकार कर दिया. बाद में ग्रामीण एक घर से खटिया लाए, घायल दित्तू को उस पर लिटाकर कांधे पर उठाया और मुख्य मार्ग में खड़ी एंबुलेंस तक पहुंचाया.