पलामू/गढ़वाः नक्सलियों के गढ़ बूढ़ापहाड़ के इलाके में 30 वर्षों के बाद वोटिंग हुई है. बूढ़ापहाड़ के हेसातू में तीन दशक के बाद मतदान केंद्र बनाया गया है. बूढ़ापहाड़ में मतदान के लिए हेलीकॉप्टर से पोलिंग पार्टी को भेजा गया था. हेसातू में दोपहर के तीन बजे तक 60 प्रतिशत से अधिक मतदान हो चुका था.
2023 में नक्सल मुक्त हुआ था बूढ़ापहाड़
दरअसल, बूढ़ापहाड़ का इलाका माओवादियों के ट्रेनिंग सेंटर के रूप में जाना जाता था. सितंबर 2022 में बूढ़ापहाड़ को माओवादियों से मुक्त करवाने के लिए अभियान चलाया गया था. अभियान के बाद जनवरी 2023 में बूढ़ापहाड़ पर सुरक्षाबलों का कब्जा हो गया था. 2023 में ही पहली बार बूढ़ापहाड के टॉप पर झंडोत्तोलन हुआ था.
उत्क्रमित मध्य विद्यालय हेसातू में बनाया गया है मतदान केंद्र
2024 के लोकसभा चुनाव में सोमवार को पहली बार बूढ़ापहाड़ के हेसातू स्थित उत्क्रमित मध्य विद्यालय में बनाए गए मतदान केंद्र पर पहुंचकर ग्रामीणों ने वोटिंग की. हेसातू का इलाका टेहरी पंचायत के अंतर्गत है.
दोपहर तीन बजे तक बूढ़ापहाड़ में 60 प्रतिशत से अधिक वोटिंग
इस संबंध में गढ़वा एसपी दीपक कुमार पांडेय ने बताया बूढ़ापहाड़ में वोट देने को लेकर लोगों में काफी उत्साह नजरा आया. ग्रामीण वोट देने के लिए इंतजार कर रहे थे. दोपहर तीन बजे तक 60 प्रतिशत से अधिक वोटिंग हुई है.