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संसद में संविधान की राजनीति पर मायावती का हमला; बोलीं- भाजपा-कांग्रेस दोनों एक ही थाली के चट्टे-बट्टे - Mayawati on Constitution - MAYAWATI ON CONSTITUTION

भाजपा और कांग्रेस एक ही थाली के चट्टे-बट्टे, संविधान को लेकर दोनों पार्टियां कर रहीं नाटक: मायावती बसपा सुप्रीमो मायावती का संविधान को लेकर भाजपा-कांग्रेस पर हमला, बोलीं दोनों पार्टियां कर रहीं नाटक

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लखनऊ में मीडिया से बात करतीं बसपा सुप्रीमो मायावती. (फोटो क्रेडिट; Etv Bharat)

By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Jun 25, 2024, 12:05 PM IST

लखनऊ में मीडिया से बात करतीं बसपा सुप्रीमो मायावती. (वीडियो क्रेडिट; ANI)

लखनऊ: बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष व उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी पर संविधान को लेकर हमला किया है. उन्होंने कहा है कि यह दोनों पार्टियों संविधान को लेकर नाटक कर रही हैं. असलियत यही है कि इन्हीं दोनों पार्टियों ने संविधान में इतने संशोधन किए जिससे दलित और पिछड़ों को काफी नुकसान हुआ.

उन्होंने सत्ता पक्ष और विपक्ष की मिलीभगत पर प्रहार करते हुए कहा है कि जिन राज्यों में इन दोनों पार्टियों की सरकारें चल रही हैं, वहां पर संविधान का पालन नहीं किया जा रहा है. संसद में विपक्ष की तरफ से संविधान की कॉपी दिखाए जाने के मामले में ये सब एक ही थाली के चट्टे-बट्टे लग रहे हैं.

बसपा सुप्रीमो मायावती ने पार्टी मुख्यालय पर मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि इन दोनों ने मिलकर इस संविधान को जातिवादी, सांप्रदायिक और पूंजीवादी संविधान बना दिया. सत्ता और विपक्ष की दोनों की अंदरूनी मिलीभगत है. दोनों ही सत्ता विपक्ष की अंदरूनी मिलीभगत से जबरदस्ती संविधान बचाने का नाटक कर रहे हैं. अपने राजनीतिक स्वार्थ के लिए ये दोनों ही भारतीय संविधान के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं. ये कतई उचित नहीं है.

इन दोनों ने अंदर-अंदर मिलकर संविधान में इतने संशोधन कर दिए कि अब ये समतामूलक, धर्म निरपेक्ष नहीं, बल्कि पूंजीवादी, जातीवादी और सांप्रदायिक संविधान बनकर रह गया. ये दोनों ही आरक्षण को समाप्त करना चाहते हैं और एससी, एसटी, आदिवासी को संविधान का लाभ नहीं देना चाहते.

इन दोनों पार्टियों ने जातिवादी, पूंजीवादी और सांप्रदायिक संविधान बना दिया है. भीमराव आंबेडकर की मंशा वाला समता मूलक, धर्मनिरपेक्ष और बहुजन हिताय वाला संविधान नहीं रहा है. इन दोनों पार्टियों के लोग एससी, एसटी और ओबीसी वर्ग के लोगों का आरक्षण खत्म करना चाहते हैं या फिर इसे निष्प्रभावी बनाकर यह सभी पार्टियां इसका पूरा लाभ इन्हें नहीं देना चाहती हैं.

अब संविधान को बचाने के नाम पर यह इसकी आड़ में सत्ता और विपक्ष दोबारा जातिवादी, सांप्रदायिक और पूंजीवादी राजनीति कर रही हैं. इससे इन वर्गों के लोगों को बिल्कुल लाभ मिलने वाला नहीं है. यह बात भी सभी जानते हैं खासकर कांग्रेस और बीजेपी एंड कंपनी के लोगों ने अंदर-अंदर मिलकर अति पिछड़ों के आरक्षण को लेकर आई मंडल कमीशन की रिपोर्ट को भी अपने सरकारों में लागू नहीं होने दिया.

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