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वकील की उंगली खा गया लड़का, फिर हाईकोर्ट ने क्यों दी जमानत, पढ़ें डिटेल

जमीन विवाद में इंजीनियरिंग कॉलेज का छात्र एक वकील की उंगली चबा गया. जबलपुर हाई कोर्ट ने शर्तों के साथ उसे अग्रिम जमानत दे दी.

JABALPUR HIGH COURT
जबलपुर हाई कोर्ट (Etv Bharat)

By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : 4 hours ago

जबलपुर: जबलपुर हाई कोर्ट ने जमीन को लेकर विवाद में एक अधिवक्ता की उंगली चबा जाने के आरोपी इंजीनियरिंग कॉलेज के छात्र को अग्रिम जमानत दे दी. आरोपी को जमानत देते हुए कोर्ट ने कहा कि कटनी की रंगनाथ चौकी पुलिस ने आरोपी लड़के पर गलत धाराएं लगाई थीं जिन्हें वे साबित नहीं कर पाए. जबलपुर हाई कोर्ट के जज मनिंदर एस भट्टी ने जमानत आरोपी को सशर्त अग्रिम जमानत दे दी.

पुलिस ने छात्र पर आईपीसी की धारा 326 के तहत दर्ज किया था मुकदमा

मामला 10 जून 2024 का है. कटनी जिले के रंगनाथ चौकी में एक प्लॉट पर कब्जे को लेकर दो पक्षों में विवाद हो गया. विवाद में दोनों पक्षों में हाथापाई होने लगी. एक अधिवक्ता ने उत्सव राय नाम के लड़के का मुंह पीछे से पकड़ लिया. लड़के को कई लोग पकड़े हुए थे. खुद को छुड़ाने के लिए उसने अपने दांतों से अधिवक्ता की उंगली काट ली और उसे निगल गया. वारदात के वकील को अस्पताल ले जाया गया वहीं इंजीनियरिंग कर रहे छात्र को पुलिस ने हिरासत में ले लिया. पुलिस ने छात्र के ऊपर भारतीय दंड संहिता की धारा 326 के तहत मुकदमा दर्ज किया.

मनीष दत्त सीनियर एडवोकेट (Etv Bharat)

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आरोपी छात्र ने जमानत के लिए हाई कोर्ट के जज मनिंदर एस भट्टी की अदालत में याचिका दायर की थी. इस मामले में सीनियर एडवोकेट मनीष दत्त ने छात्र की ओर से पैरवी करते हुए कहा कि दांत से किसी पर यदि हमला किया जाता है तो इसमें धारा 326 नहीं लगाई जा सकती. दांत हथियार की श्रेणी में नहीं आता. धारा 326 धारदार हथियार से हमले के मामले में ही लगाई जा सकती है. इस मामले में धारा 325 लगाई जानी चाहिए थी जिसमें थाने से ही जमानत मिल जाती. कोर्ट ने इस तथ्य को सही माना और आरोपी छात्र को जमानत दे दी.

मनीष दत्त ने कोर्ट में कहा कि छात्र कोई अपराधी नहीं है और ना ही वकील पर हमला करने की उसकी कोई इच्छा थी. विवाद के बाद उसने अपने बचाव में दांत से काटने की कोशिश की. इसलिए उसको कोई हथियार चलाने वाला अपराधी नहीं माना जा सकता. लिहाजा कोर्ट ने उसे अग्रिम जमानत दे दी. हालांकि मामले की सुनवाई निचली अदालत में जारी रहेगी.

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