वाराणसीःजिले के स्वास्थ्य केंद्रों पर महज एक रुपये में अब में फिजियोथेरेपी की सुविधा मिलेगी. जी हां अब मरीज सहजता के साथ किसी भी स्वास्थ्य केंद्र पर जाकर मांसपेशियों में खिंचाव ,जोड़ो में दर्द,सर्वाइकल जैसी तमाम समस्याओं का समाधान पा सकते हैं. जिसके लिए उन्हें निजी संस्थानों में महंगी मोटी रकम नहीं देनी होगी बल्कि एक रुपये का पर्चा, उनके इस बीमारी का इलाज कराएगा.
वाराणसी स्वास्थ्य विभाग ने सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में फिजियो सेंटर की सुविधा उपलब्ध कराने के निर्णय लिया है. पहले चरण में सारनाथ, चौकाघाट,दुर्गाकुंड सीएससी पर फिजियो सेंटर शुरू होगा. इसके बाद ग्रामीण अंचलों के स्वास्थ्य केंद्रों पर उपलब्ध कराया जाएगा. मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर संदीप चौधरी ने बताया कि सारनाथ लगायत समेत अन्य स्वास्थ्य केंद्रों पर लगभग सवा लाख रुपए में वेट कप मशीन, योग मेट, हैंड ग्रिप, टेरा बैंड समेत अन्य जरूरी इक्विपमेंट उपलब्ध कराया जा रहा है ताकि मरीज सहजता से स्वास्थ्य केंद्र पर जाकर के फिजियोथैरेपी की सहायता ले सकें. अब गरीब मरीजों को किसी निजी संस्थाओं की ओर रुख करने की जरूरत नहीं होगी. मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने बताया कि हाल के समय से मांसपेशियों में दर्द, सर्वाइकल जोड़ों में दर्द की समस्या बढ़ने के साथ फिजियोथैरेपी का क्रेज भी बढ़ा है. वर्तमान में काशी हिंदू विश्वविद्यालय के सर सुंदरलाल चिकित्सालय ट्रॉमा सेंटर और जिला, मंडलीय अस्पताल में यह सुविधा मौजूद थी.
धर्मनगरी में अब एक रुपये में होगा हड्डियों और जोड़ों में दर्द का इलाज - Joint Pain Treatment
By ETV Bharat Uttar Pradesh Team
Published : Jun 14, 2024, 8:52 PM IST
यूपी की धार्मिक नगरी काशी में मांसपेशियों में खिंचाव, जोड़ो में दर्द, सर्वाइकल से परेशान लोगों के लिए अच्छी पहल की गई है. यहां अब सिर्फ एक रुपये में ऐसे मरीजों का इलाज होगा.
गौरतलब हो कि ग्रामीण अंचल से जिला, मंडलीय अस्पताल दूर होने के कारण बड़ी संख्या में लोग यहां तक नहीं पहुंच पाते हैं. जिस वजह से या तो वह अपनी बीमारी को नजरअंदाज कर देते हैं या फिर निजी संस्थाओं के चक्कर लगाते हैं. लेकिन अब नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र पर मिलने वाले इस सुविधा से न सिर्फ लोगों के जेब पर पड़ने वाले अतिरिक्त भार से छुटकारा मिलेगा, बल्कि वह सहजता के साथ जाकर के अपना इलाज भी करा सकेंगे.
एक नज़र मरीजों के आकड़ों पर
जिला और मंडलीय अस्पताल में पहले सर्वाइकल के 50 से भी कम मरीज आते थे. जबकि अब इनकी संख्या लगभग 200 से ज्यादा होती है. वहीं, बीएचयू में प्रत्येक दिन 200 से ज्यादा मरीज फिजियोथेरेपी के लिए आते हैं. ऐसे में फिजियो सेंट्रर के खुल जाने से इन अस्पतालों के ऊपर पड़ने वाले दबाव भी कम होंगे.
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