आगरा: यूपी के आगरा जिले के खंदौली थाना इलाके के पुरा लोधी गांव के एक खेत में ट्रैक्टर निकालने के विवाद में चचेरे भाई के परिवार ने सगे चाचा के दो भाइयों की हत्या कर दी. हमले में घायल एक महिला और एक युवक का इलाज चल रहा है. ये खूनी संघर्ष करीब 20 मिनट तक चला. जिसमें आरोपी परिवार ने एक एक करके पहले सगे भाईयों की हत्या की. बचाव में आई परिवार की महिला और युवक को अधमरा कर दिया. सूचना के एक घंटे बाद गांव में पुलिस मौके पर पहुंची. जिसने भी भाइयों का शव देखा तो उनकी रूह कांप उठी. इस मामले में सात आरोपियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज किया गया है. आरोपी अपने परिवार के साथ फरार हैं. घरों पर ताले लटके हुए हैं. पुलिस की चार टीमें उनकी तलाश में जुटी है.
दरअसल, घटना मंगलवार सुबह करीब 9:30 बजे का है. गांव पुरा लोधी निवासी रघुवीर सिंह अपने बेटे अनिल और विनय के साथ ट्रैक्टर लेकर खेत पर जा रहा था. खेत पर जाने के रास्ते में चचेरे भाई बेताल सिंह और उसके परिजनों ने रघुवीर को ट्रैक्टर खेत से ले जाने से रोक दिया. जिस पर रघुवीर ने बेटे अनिल और विनय को दूसरे रास्ते से खेत पर ट्रैक्टर लेकर जाने को भेज दिया. जिसके बाद बेताल सिंह के परिजनों और रघुवीर में विवाद होने लगा. तभी बेताल और उसके परिजन ने रघुवीर पर हमला कर दिया.
मृतक रघुवीर सिंह के बेटे अनिल कुमार ने बताया कि मेरे जाने के बाद बेताल सिंह, राहुल, रूबी, श्रीकिशन, माया देवी, सत्यप्रकाश का पिता रघुवीर से विवाद हुआ. आरोपियों ने लाठी डंडे, फावड़ा, कुल्हाड़ी और फरसे से हमला बोल दिया. उन्हें बेरहमी से पीटा. फरसे,फावड़ा और कुल्हाड़ी से ताबड़तोड़ हमले किए. जिसमें मेरे पिता रघुवीर की मौके पर मौत हो गई. पिता रघुवीर सिंह की चीख सुनकर चाचा सत्यपाल पहुंचे तो उनपर भी आरोपियों ने हमला कर मौत के घाट उतार दिया. मेरी मां सरोज देवी और भाई देवानंद पहुंचे तो उनके साथ ही भी मारपीट की. जब चाचा सत्यपाल को अस्पताल लेकर गए तो वहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया. मेरी मां और भाई की हालत गंभीर हैं. दोनों का अस्पताल में इलाज चल रहा है.
वहीं अनिल कुमार ने बताया कि, मेरे दादा होती लाल और आरोपी बेताल के पिता राम सिंह ने झरना नाला के समीप गांव गुड़ा में 72 बीघा खेत खरीदा था. दोनों के परिवार उस जमीन का बिना बंटवारे के आपसी सहमति से जोत रहे थे. बाबा होती लाल की मौत के बाद मेरे पिता रघुवीर और बेताल ने भी हिस्से नहीं बांटे. आपसी सहमति से दोनों अपने-अपने हिस्से की जमीन पर खेती करने लगे. अब बेताल के अपने खेतों से होकर रघुवीर सिंह के ट्रैक्टर को नहीं निकलने दे रहा. जिसको लेकर ही दोनों में विवाद चल रहा था.