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डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी की पुण्यतिथि, भाजपाइयों ने बलिदान दिवस के रूप में मनाया - DR Shyama Prasad Mukherjee - DR SHYAMA PRASAD MUKHERJEE

Death anniversary of DR Shyama Prasad Mukherjee आज जनसंघ के संस्थापक डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी की पुण्यतिथि है. डॉ. मुखर्जी 1953 में बिना परमिट लिए जम्मू-कश्मीर की यात्रा पर निकले थे. पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर नजरबंद कर लिया था. 23 जून 1953 को रहस्यमय परिस्थितियों में उनकी मौत हो गई थी.

Death anniversary of DR Shyama Prasad Mukherjee
डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी की पुण्यतिथि (PHOTO- ETV BHARAT)

By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Jun 23, 2024, 3:36 PM IST

टिहरी/मसूरीःभारतीय जनसंघ के संस्थापक डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी की पुण्यतिथि पर देशभर में भाजपा कार्यकर्ताओं ने उन्हें पुष्पांजलि अर्पित की. सीएम पुष्कर सिंह धामी ने भी उन्हें उनके बलिदान दिवस पर उन्हें श्रद्धांजलि दी. सीएम धामी ने कहा कि हमारी डबल इंजन सरकार श्यामा प्रसाद मुखर्जी के दिखाए मार्ग पर चलते हुए सभी नागरिकों के समान अधिकार हेतु कृत संकल्पित है. वहीं, टिहरी और मसूरी में भी भाजपा कार्यकर्ताओं ने डॉ. मुखर्जी को श्रद्धांजलि दी.

टिहरी पहुंचे भाजपा भाजपा प्रदेश उपाध्यक्ष देवेंद्र भसीन ने डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी बलिदान दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में शिरकत की. उन्होंने डॉ. मुखर्जी के चित्र पर दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया. उन्होंने कहा कि श्यामा प्रसाद मुखर्जी महान देशभक्त थे. उन्होंने कश्मीर को लेकर अपने जीवन का बलिदान दिया है. इसलिए उनकी पुण्यतिथि भाजपा बलिदान दिवस के रूप में मनाकर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करती है.

मसूरी में बीजेपी कार्यकर्ताओं ने डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी की पुण्यतिथि पर तिलक मेमोरियल लाइब्रेरी में कार्यक्रम आयोजित कर उन्हें याद किया. भाजपा कार्यकर्ताओं ने डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी की पुण्यतिथि को बलिदान दिवस के रूप में मनाया. श्यामा प्रसाद मुखर्जी के चित्र पर माल्यार्पण कर पुष्पांजलि अर्पित की. कार्यकर्ताओं ने उनके बताए गए मार्ग पर चलने का आह्वान किया.

मसूरी नगर पालिका के पूर्व अध्यक्ष ओपी उनियाल, मसूरी भाजपा मंडल अध्यक्ष राकेश रावत और महामंत्री कुषाल राणा ने कहा कि डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी द्वारा देश की एकता और अखंडता के लिए लगातार काम किया गया. उन्होंने कहा कि उनका जीवन कार्यकर्ताओं के लिए अनुकरणीय है. डॉ. मुखर्जी ने सबसे पहले धारा 370 के खिलाफ आवाज उठाई थी. उन्होंने नेहरू की तुष्टिकरण की नीति का विरोध किया था. साथ ही कश्मीर में दो निशान, दो विधान, दो प्रधान को लेकर आंदोलन किया था. जिसके परिणाम स्वरूप कश्मीर से परमिट राज खत्म हुआ.

उन्होंने बताया कि डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी का एक मिशन था कि भारत में एक निशान, एक विधान और एक प्रधान हो. इसे वर्तमान में मोदी सरकार द्वारा साकार किया गया. मोदी सरकार द्वारा जम्मू कश्मीर से धारा 370 और 35 ए हटाकर पूरे देश में एक मिसाल कायम की है.

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