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हार के कारणों को ढूंढने में जुटी बीजेपी, दो दिनों तक होगी प्रदेश कार्यालय में समीक्षा

झारखंड में हुई चुनावी हार के कारणों का पता लगाने के लिये बीजेपी की कल से रांची में बैठक होगी.

REASONS FOR BJPS DEFEAT
बीजेपी की रांची में दो दिन की बैठक (Etv Bharat)

By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Nov 29, 2024, 6:19 PM IST

रांचीःविधानसभा चुनाव में हुई करारी हार के कारणों को तलाशने में जुटी बीजेपी 30 नवंबर से पहली दिसंबर तक दो दिनों के लिये मंथन करने जा रही है. बीजेपी के राष्ट्रीय महामंत्री बी एल संतोष की मौजूदगी में होने वाली समीक्षा बैठक में विधानसभा चुनाव में हार का सामना करने वाले पार्टी प्रत्याशी, जिला अध्यक्ष, जिला प्रभारी, प्रमंडलीय प्रभारी, कोर कमेटी सदस्य सहित सभी बड़े नेता मौजूद रहेंगे.

बीजेपी प्रदेश प्रवक्ता प्रदीप सिन्हा ने इस बैठक को महत्वपूर्ण बताते हुए कहा कि इसके जरिए पार्टी हार के कारणों को तलाशने का काम करेगी. उन्होंने चुनाव परिणाम के बाद पार्टी के अंदर उठी कार्यकर्ताओं की नाराजगी को स्वाभाविक बताते हुए कहा कि सारी बातों को पार्टी के बड़े नेताओं के समक्ष रखा जायेगा.

प्रदीप सिन्हा मीडियाकर्मियों से बात करते हुए (Etv Bharat)

प्रदेश के बाद राष्ट्रीय स्तर पर होगी समीक्षा

प्रदेश स्तर पर शनिवार और रविवार को बीजेपी कार्यालय में बैठकों का दौर जारी रहेगा. शनिवार को एक साथ चार बैठक होगी जिसमें चुनाव प्रबंधन समिति से लेकर जिला प्रभारी और जिलाध्यक्षों की बैठक होगी. दो दिनों की समीक्षा बैठक के बाद बीजेपी का राष्ट्रीय नेतृत्व, झारखंड चुनाव परिणाम की तीन दिसंबर को समीक्षा करने जा रहा है. इस बैठक के बाद प्रदेश स्तर पर संगठनात्मक फेरबदल होने के आसार हैं. जानकारी के मुताबिक प्रदेश अध्यक्ष से लेकर संगठन महामंत्री, कई जिलाध्यक्ष और प्रभारी के भी बदले जाने की संभावना है.

बीजेपी के कई दिग्गज चुनाव में हारे

विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी के कई दिग्गज नेता को हार का सामना करना पड़ा. नेता प्रतिपक्ष अमर कुमार बाउरी, पार्टी के विधानसभा में मुख्य सचेतक बिरंची नारायण, विधायक अनंत ओझा, भानु प्रताप शाही, अमित मंडल, सीता सोरेन, गीता कोड़ा सहित कई बड़े चेहरे चुनावी समर में हार गए.

जानकारों के मुताबिक बीजेपी के खराब परफॉर्मेंस की वजह, स्थानीय मुद्दों के साथ-साथ अन्य दलों से आए नेताओं को टिकट देकर चुनाव में प्राथमिकता देना है. बहरहाल दो दिनों की इस समीक्षा बैठक के बाद पता चलेगा कि पार्टी इस चुनाव परिणाम से उबरने के लिए क्या रास्ता निकालती है.

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