धर्मशाला: हिमाचल प्रदेश विधानसभा का शीतकालीन सत्र 18 से 21 दिसंबर तक चलेगा. इसमें कुल चार बैठकें होंगी. इनमें से एक प्राइवेट मेंबर डे होगा. इस बार शीतकालीन सत्र से शून्यकाल भी शुरू होगा. वहीं, मंगलवार को 14वीं विधानसभा सत्र से पहले बुलाई गई सर्वदलीय बैठक में विपक्ष के ना पहुंचने पर विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप पठानिया ने खेद व्यक्त किया उन्होंने कहा कि सत्र से पहले सर्वदलीय बैठक बुलाना विधानसभा की एक परंपरा है, जिसमें सत्ता पक्ष और विपक्ष दोनों की उपस्थिति जरूरी होती है.
बैठक में सत्ता पक्ष की ओर से संसदीय कार्य मंत्री हर्षवर्धन चौहान और चीफ व्हिप केवल सिंह पठानिया उपस्थित रहे, लेकिन विपक्ष की ओर से नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर और विपक्ष के चीफ व्हिप सुखराम चौधरी बैठक में शामिल नहीं हुए. विधानसभा अध्यक्ष ने कहा "यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि विपक्ष ने बैठक में भाग नहीं लिया. जनहित के मुद्दों पर चर्चा के लिए दोनों पक्षों की भागीदारी जरूरी होती है, लेकिन विपक्ष की अनुपस्थिति के बावजूद बैठक को संपन्न कर दिया गया."
सर्वदलीय बैठक से भाजपा ने किया किनारा (ETV Bharat) नेता प्रतिपक्ष की तबीयत थी खराब
विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप पठानिया ने कहा"बैठक से पहले नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने सर्वदलीय बैठक में शामिल होने की बात कही थी लेकिन जब सर्वदलीय बैठक शुरू होने का समय आया तब उनकी ओर से यह संदेश भिजवाया गया कि उनकी तबीयत ठीक नहीं है."उन्होंने कहा सर्वदलीय बैठक में पक्ष और विपक्ष के दोनों सदस्यों को भाग लेना चाहिए ताकि सदन में सार्थक मुद्दों पर चर्चा की जा सके.
संसदीय कार्य मंत्री हर्षवर्धन चौहान ने कहा "यह पहली बार नहीं, बल्कि दूसरी बार हुआ है कि विपक्ष सर्वदलीय बैठक से अनुपस्थित रहा हो. सर्वदलीय बैठक का बायकाट करके विपक्ष ने ना केवल विधानसभा अध्यक्ष का अनादर किया है, बल्कि जो संसदीय प्रणाली है, जो प्रथाएं बनी हैं, उनका भी अनादर किया है." चुने हुए प्रतिनिधियों को पुराने समय से चली आ रही परंपराओं को निभाना सभी का दायित्व है. हम सबकी विचारधारा अलग-अलग हो सकती है, लेकिन स्पीकर कक्ष में बैठकर सर्वदलीय बैठक में अपनी बात और विरोध को रखा जा सकता है. विपक्ष का सर्वदलीय बैठक में न आना दुर्भाग्यपूर्ण है, मुझे लगता है कि यह उनकी बहुत बड़ी गलती है, लेकिन मैं चाहूंगा कि कल से सत्र में आकर भाजपा के विधायक सदन में आकर अपनी बात रखें.
महज चार दिन का होगा सत्र
वहीं, नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने बीते दिन विंटर सेशन के महज 4 दिनों के रखे जाने पर सवाल उठाए उन्होंने कहा "पहले विंटर सेशन 6 से 8 दिन का होता रहा है. इस बार चार दिन के सत्र में दो दिन तो मुख्यमंत्री भी नहीं रहेंगे जिससे साफ जाहिर होता है कि सत्ता पक्ष विपक्ष के सवालों का जवाब देने से बच रही है."
नेता प्रतिपक्ष ने कहा "भाजपा विंटर सेशन में सत्ता पक्ष से सवाल पूछेगी कि दो साल का जश्न क्यों मनाया गया? जिस प्रदेश में प्राकृतिक त्रासदी में हजारों घर बह गए हों, करोड़ों का नुकसान हो गया हो और सरकार ने आपदा प्रभावितों को 7-7 लाख रुपये देने का वादा किया हो, बावजूद इसके कई घरों में अब तक पटवारी भी न पहुंचे हों, तो ऐसी स्थिति में कोई जश्न कैसे मना सकता है?"
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