जशपुर : धर्म विशेष पर विवादित टिप्पणी का मामला गरमाते जा रहा है. मामले में जिला न्यायलय जशपुर में परिवाद दर्ज किया गया, जिस पर मंगलवार को प्रथम श्रेणी न्यायिक मजिस्ट्रेट अनिल कुमार चौहान ने सुनवाई किया. जिसके बाद जशपुर की भाजपा विधायक रायमुनि भगत के खिलाफ बीएनएस की धारा 196,299 और 302 के तहत केस दर्ज किया गया है.
धर्म विशेष के आवेदन पर सुनवाई : इस पर ग्राम ढेगनी निवासी हेरमोन कुजूर पिता मार्टिन कुजूर ने 10 दिसंबर 2024 को जिला न्यायलय जशपुर में परिवाद दायर किया था. सुनवाई के दौरान परिवादी के अधिवक्ता विष्णु कुलदीप ने 6 प्रत्यक्षदर्शियों का बयान दर्ज कराने के साथ वीडियो की सीडी न्यायलय के सामने प्रस्तुत किया. सुनवाई के दौरान न्यायाधीश ने परिवादी हेरमोन के आवेदन को सुनवाई योग्य माना. अदालत में सुनवाई के बाद जशपुर पुलिस ने विधायक रायमुनि भगत के खिलाफ केस दर्ज किया है. साथ ही जशपुर विधायक रायमुनि भगत को 10 जनवरी को अदालत में पेश होने के लिए नोटिस जारी किया गया है. इस मामले में विधायक रायमुनी भगत ने कुछ भी टिपणी करने से इंकर कर दिया है.
एफआईआर दर्ज करने दिए आदेश : अदालत का कहना है कि प्रथम दृष्टया भगत के खिलाफ अपराध दर्ज करने के लिए पर्याप्त तथ्य पाए गए हैं. इसलिए, भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धारा 196 (धर्म, जाति, भाषा आदि के आधार पर विभिन्न समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देना), 299 (जानबूझकर और दुर्भावनापूर्ण कार्य, किसी के धर्म या धार्मिक विश्वासों का अपमान करके धार्मिक भावनाओं को आहत करने का इरादा) और 302 (किसी व्यक्ति की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने का जानबूझकर इरादा) के तहत उसके खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज किया जाता है.
धर्म विशेष पर विवादित टिप्पणी के आरोप : यह घटना बीते साल 1 सितंबर 2024 को आस्ता थाना क्षेत्र के ढेगनी गांव में हुई थी. जहां भुईहर समाज के सामाजिक भवन का लोकार्पण करने के दौरान विधायक रायमुनि पर विवादित टिप्पणी करने का आरोप है. धर्म विशेष का आरोप है कि इस कार्यक्रम में सम्बोधन के दौरान विधायक ने धर्म विशेष पर टिप्पणी करते हुए कहा था कि धर्म विशेष अगर मरने के बाद जीवित हो सकते है, तो धर्मांतरितों को कब्रिस्तान की जरूरत क्यों पड़ती है?
एफआईआर दर्ज करने दिया था आवेदन : इस बयान को धर्म विशेष का अपमान बताते हुए धर्म विशेष ने जिले के सभी थाना और चौकी में विधायक रायमुनि भगत के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के लिए आवेदन दिया था. पुलिस ने मामले की जांच के बाद विधायक के भाषण में कोई विवादित ना पाए जाने के आधार पर आवेदकों को न्यायलय जाने की सलाह दी थी.