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झारखंड सरकार के ग्रामीण विकास विभाग में लूट, भ्रष्टाचार और घोटाले का बोलबाला : सीपी सिंह - Jharkhand Rural Department

Corruption in Jharkhand Rural Department. भाजपा विधायक सीपी सिंह ने झारखंड सरकार के ग्रामीण विकास विभाग पर लूट और भ्रष्टाचार का आरोप लगाया है. उन्होंने कहा कि विभाग झूठी वाहवाही बटोर रही है, जबकि जमीनी हकीकत कुछ और है.

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CP singh accused Hemant soren

By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Jan 19, 2024, 11:05 PM IST

रांची:भारतीय जनता पार्टी ने आरोप लगाया है कि हेमंत सरकार के ग्रामीण विकास विभाग में लूट, भ्रष्टाचार और घोटाला व्याप्त है. भाजपा प्रदेश कार्यालय में पूर्व स्पीकर और रांची से भाजपा विधायक सीपी सिंह ने मीडियाकर्मियों से बात करते हुए कहा कि हेमंत सरकार के 4 साल में ग्रामीण विकास विभाग में जिस तरह से लूट, भ्रष्टाचार और घोटाले का बोलबाला है, उससे यह साबित होता है कि राज्य इस देश में कैसी शासन व्यवस्था चल रही है?

'इस सरकार ने कई योजनाएं की बंद':सीपी सिंह ने कहा कि वीरेंद्र राम प्रकरण जगजाहिर है. ग्रामीण विकास विभाग के मुख्य अभियंता रहते वीरेंद्र राम ने किस तरह से ग्रामीण विकास विभाग से अवैध कमाई की. रघुवर दास के समय में राज्य में ग्रामीण सड़कों और पुलों का निर्माण तेजी से हुआ. लेकिन सरकार बदलते ही ग्रामीण विकास विभाग में चल रही ग्रामीण बागवानी और जोहार योजना बंद कर दी गयी. सखी दीदी योजना की राशि भी कम कर दी गयी. इस सरकार में बालू के अभाव में प्रधानमंत्री आवास योजना बंद है. बालू की कालाबाजारी धड़ल्ले से हो रही है, जिससे इसकी कीमत आसमान छू रही है.

'झूठी वाहवाही लूट रही ग्रामीण विकास विभाग': सीपी सिंह ने ग्रामीण विकास विभाग पर चालू वित्तीय वर्ष में अब तक मात्र 47 प्रतिशत राशि खर्च करने का आरोप लगाते हुए कहा कि विभाग द्वारा संचालित कई योजनाओं की गति धीमी है. जिसके कारण पैसा खर्च नहीं हो पा रहा है. ग्रामीण क्षेत्रों में जल जीवन मिशन की गति काफी धीमी है, कुल 61.77 लाख घरों में से अब तक सिर्फ 45.97% यानी 28.40 लाख घरों तक ही नल का पानी पहुंच पाया है. जबकि राष्ट्रीय औसत 70.15 फीसदी है. सरकार की ओर से जो भी आंकड़े पेश किये जा रहे हैं. जमीनी हकीकत कुछ और है. झारखंड में प्रधानमंत्री आवास योजना की हालत खराब है. बालू की कमी और अधिकारियों की लापरवाही के कारण कई जिलों में आवास लंबित हैं और बिचौलिए हावी हैं.

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