नई दिल्ली: आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह ने कहा कि दिल्ली के एक सरकारी अस्पताल में अपने ही मेडिकल सुपरिटेंडेंट द्वारा यौन शोषण की शिकार महिला डॉक्टर को न्याय नहीं मिल रहा है. उन्होंने भाजपा और दिल्ली के उपराज्यपाल पर तीखा हमला बोला है. संजय सिंह ने कहा कि भाजपा दिल्ली में भी कोलकाता जैसी घटना का इंतजार कर रही है. इसीलिए एलजी साहब न सिर्फ यौन शोषण करने वाले एमएस को बचा रहे हैं, बल्कि उल्टा उस महिला डॉक्टर के खिलाफ ही उनके अधीन अफसरों ने जांच बैठा दी है.
आगे संजय सिंह ने कहा कि कई महीने धक्के खाने के बाद एक आंतरिक जांच कमेटी बनी और उसमें पीड़िता ने यौन शोषण का आरोप साबित भी कर दिया. इसके बावजूद एमएस पर अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है. पीड़िता का ही ट्रांसफर कर दिया गया. इसलिए भाजपा और पीएम मोदी को बताना चाहिए कि क्या उन्होंने एलजी को अफसरों के ट्रांसफर-पोस्टिंग का अधिकार इसलिए ही दिया है, ताकि वह महिलाओं का शोषण करने वालों को संरक्षण दे सकें?
शनिवार को पार्टी मुख्यालय में प्रेसवार्ता कर संजय सिंह ने कहा कि केंद्र की भाजपा सरकार द्वारा नियुक्त दिल्ली के एलजी के संरक्षण में पिछले एक-डेढ़ साल से सरकारी अस्पताल में तैनात एक महिला डॉक्टर का शोषण चल रहा है. बार-बार उसकी शिकायत के बावजूद एलजी शोषण करने वाले मेडिकल सुपरिटेंडेंट (एमएस) को बचा रहे हैं और पीड़ित महिला डॉक्टर के खिलाफ ही जांच बैठा दी है. यह बात अपने आप में बेहद हैरान करने वाली है.
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पीएम मोदी और भाजपा ने एलजी को ट्रांसफर और पोस्टिंग का अधिकार इसलिए दे रखा है ताकि वह दिल्ली में महिलाओं का शोषण और उनके खिलाफ अपराध करने वाले लोगों को संरक्षण दे सकें. यह घटना दिल्ली के सरकारी अस्पताल में काम करने वाली एक महिला डॉक्टर के साथ हुई है. उस महिला डॉक्टर का कई बार यौन शोषण किया गया. लेकिन शिकायत के बाद भी एलजी और स्वास्थ्य विभाग के अफसरों ने कोई कार्रवाई नहीं की.
संजय सिंह ने कहा कि एक महिला डॉक्टर ने अपने एमएस के खिलाफ यौन शोषण का आरोप लगाया और इसकी शिकायत करने के लिए दिल्ली के स्वास्थ्य सचिव दीपक कुमार से कई बार मिलने की कोशिश की. अक्टूबर 2023 में उस महिला ने शिकायत की और चार महीने धक्के खाने के बाद उस मामले में एक इंटरनल कमेटी बनाई गई. दिल्ली के स्वास्थ्य सचिव उस महिला डॉक्टर से नहीं मिले.