अजमेर.राजस्थान में शेष सीटों पर कांग्रेस और भाजपा दोनों ही एक दूसरे के टिकट पर नजरें जमाए है. भाजपा का लक्ष्य 25 सीटें राजस्थान में जीतना है. वहीं विगत 10 वर्षों से 0 पर आउट हो रही कांग्रेस ने इस बार भाजपा के लक्ष्य को रोकने की रणनीति पर काम कर रही है. दोनों प्रमुख दल शेष सीटों का निर्णय एक-दूसरे के दांव को देखकर करना चाह रहे हैं. शेष सीटों की तरह अजमेर लोकसभा सीट को लेकर भी भाजपा और कांग्रेस किसी भी निर्णय पर नहीं पंहुचे. मगर अब समय आ गया है, जब कभी भी भाजपा और कांग्रेस शेष सीटों को लेकर उम्मीदवारों की घोषणा कर सकती है.
पूनिया के आसार कम!: अजमेर लोकसभा सीट को लेकर भाजपा से प्रबल दावेदार सतीश पूनिया माने जा रहे थे. लेकिन पार्टी ने पूनिया को नया दायित्व देते हुए पड़ोसी राज्य हरियाणा का प्रभारी बनाकर भेज दिया. राजनीतिक जानकारों का मानना है कि ऐसे में पूनिया को अजमेर से टिकट मिलने की संभावना कम हो गई है. इस कारण अब शेष दावेदारों का हौंसला बढ़ गया है और वे फिर से टिकट की उम्मीद करने लगे हैं. विगत दो दिन से तो वर्तमान अजमेर लोकसभा सांसद भागीरथ चौधरी भी पहले से ज्यादा सक्रिय नजर आ रहे हैं. भागीरथ चौधरी और उनके समर्थकों को टिकट की पूरी उम्मीद है.
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बता दें कि भागीरथ चौधरी ने इस बार विधानसभा चुनाव अपने गृह क्षेत्र किशनगढ़ से लड़ा था. लेकिन वह चुनाव हार गए थे. राजनीतिक पंडितों का कहना है कि इसमें भागीरथ चौधरी को लोकसभा चुनाव में रिपीट करने की संभावना कम ही नजर आ रही थी. इधर भीलवाड़ा के उद्योगपति और विगत लोकसभा चुनाव कांग्रेस के टिकट से लड़ चुके रिजु झुनझुनवाला अब भाजपा के हो गए हैं. ऐसे में रिजु झुनझुनवाला भी टिकट को लेकर आशान्वित हैं.