''ऐसा होने लगा तो कोई डॉक्टर इलाज ही नहीं करेगा'' - बिलासपुर हाईकोर्ट - Bilaspur High Court - BILASPUR HIGH COURT
Bilaspur High Court बिलासपुर हाईकोर्ट ने अपोलो के चार डॉक्टर्स पर गैर इरादतन हत्या के मामले में टिप्पणी की है. कोर्ट ने डॉक्टरों के खिलाफ गैर इरादतन हत्या के मामले में किसी भी तरह की न्यायिक कार्रवाई करने पर रोक लगाई है. case of culpable homicide
ऐसा होने लगा तो कोई डॉक्टर इलाज ही नहीं करेगा (ETV Bharat Chhattisagrh)
बिलासपुर : छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने अपोलो के चार डॉक्टर्स को एक मामले में राहत दी है.हाईकोर्ट ने डॉक्टरों के पक्ष में टिप्पणी करते हुए कहा कि यदि ऐसा हुआ तो कोई भी डॉक्टर मरीज का इलाज नहीं करेगा. आपको बता दें कि इलाज के दौरान हुई मौत को लेकर अपोलो के चार डॉक्टरों पर गैर इरादतन हत्या का अपराध दर्ज किया गया है. इस मामले में अपोलो के डॉक्टरों ने हाईकोर्ट की शरण ली थी.
डॉक्टरों के खिलाफ कार्रवाई पर रोक :कोर्ट ने ग्रीष्मकालीन अवकाश के पहले ही दिन सुनवाई करते हुए स्पेशल कोर्ट के माध्यम से डॉक्टर को राहत पहुंचाते हुए किसी भी तरह की न्यायिक कार्रवाई पर रोक लगा दी है. चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा और जस्टिस रजनी दुबे की अवकाशकालीन बेंच ने अपोलो अस्पताल के चार डॉक्टर के खिलाफ न्यायिक प्रक्रिया पर आगामी आदेश तक रोक लगाते हुई टिप्पणी की है.
क्या था मामला ?: आपको बता दें कि डॉक्टर्स के खिलाफ सरकंडा पुलिस ने 304 ए के तहत अपराध दर्ज कर न्यायालय में चालान पेश किया है.आपको बता दें कि दयालबंद निवासी गोल्डी छाबड़ा को 25 दिसम्बर 2016 को पेट मे दर्द होने पर अपोलो में भर्ती किया गया था. 26 दिसम्बर को उसकी मौत हो गई थी. इस मामले के शिकायत के बाद सरकंडा पुलिस ने उपचार में लापरवाही के आरोप में डॉ देवेंदर सिंह, डॉ राजीव लोचन, डॉ सुनील केडिया और डॉ मनोज राय के खिलाफ धारा 304 ए के तहत जुर्म दर्ज कर न्यायालय में चालान पेश किया है.
डॉक्टरों के खिलाफ कार्रवाई में लगी रोक :इस कार्रवाई के खिलाफ डाक्टरों ने हाई कोर्ट में याचिका पेश की थी. चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा, जस्टिस रजनी दुबे की अवकाशकालीन बेंच में मामले की सुनवाई हुई. सुनवाई के दौरान बेंच को बताया गया था कि चार्जशीट पेश हो गया है. अभी चार्ज फ्रेम नहीं हुआ है. इस पर कोर्ट ने न्यायालय के आगे की कार्रवाई में रोक लगाते हुए प्रतिवादी को नोटिस जारी करने का आदेश दिया है.