भोपाल।लंबे समय से बीजेपी में हाशिए पर चल रही उमा भारती के लिए राजनीतिक पुर्नवास का इससे बेहतर क्या मौका हो सकता था. जिस समय बीजेपी अयोध्या में राम लला की प्राण प्रतिष्ठा को मुद्दा बनाए हुए हैं. तब अयोध्या आदोलन से जुड़ी रही उमा भारती के चुनाव मैदान में उतरने इससे मुफीद वक्त क्या होता. लेकिन सवाल ये है कि तीन महीने पहले तक चुनाव लड़ने का दम दिखा रही उमा भारती का अचानक चुनाव लड़ने से इंकार उनकी मजबूरी तो नहीं. क्या वजह है कि एमपी की 24 सीटों पर उम्मीदवारों का ऐलान हो जाने के बाद उमा भारती का चुनाव लड़ने से इंकार क्या मजबूरी में लिया गया फैसला है.
लोकसभा चुनाव का उमा का इंकार, मजबूरी या कुछ और...
उमा भारती ने 2024 का चुनाव लड़ने से इंकार कर दिया है. जो जाहिर वजह बताई वो ये कि वे दो साल चुनाव नहीं लड़ना चाहती. तीन महीने पहले तक यही उमा भारती चुनाव लड़ने का दम दिखा रही थी. क्या वजह हुई कि अचानक उन्हें ये ऐलान करना पड़ा कि दो साल और वे चुनावी राजनीति से दूर रहना चाहती हैं. क्या ये केवल उमा भारती के बदलते तेवरों की नजीर है या इसके पहले कोई और वजह है.
उमा भारती का पुर्नवास मुश्किल
जिस समय अयोध्या का मुद्दा गर्माया हुआ हो, उस समय बीजेपी के अयोध्या आंदोलन नेताओं की अगुवा उमा भारती के राजनीतिक पुनर्वास का आखिरी चांस था. क्या उमा भारती के हाथ से वो निकल गया है. वरिष्ठ राजनीतिक विश्लेषक पवन देवलिया कहते हैं, ''असल में उमा भारती का ये कदम फेस सेविंग की तरह देखा जा रहा है. एमपी समेत यूपी से उनको जब हरी झंडी नही मिली. माना जा रहा है कि इसी के बाद उमा भारती ने सार्वजनिक रुप से चुनाव नहीं लड़ने का ऐलान किया. लेकिन ये सही है कि उमा भारती के लिए आखिरी मौका था. इसके बाद उनका पुर्नवास मुश्किल है.''
चुनाव नहीं लड़ने पर क्या बोली उमा भारती
उमा भारती ने बाकायदा मीडिया को न्यौता देने के बाद ये एलान किया कि वे अब अगले दो साल चुनाव नहीं लड़ेंगी. उन्होंने कहा कि वे अगले दो साल गंगा के काम मेंजुटेंगी. उन्होंने कहा कि वे लोकसभा चुनाव में प्रचार करेंगी लेकिन चुनाव नहं लडेंगी. उमा भारती ने कहा कि राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा को मेल करके ये स्पष्ट किया कि यह सार्वजनिक करे कि मैं चुनाव नहीं लड़ूंगी.
उमा ने साध्वी प्रज्ञा का टिकट कटने पर जताई सहानुभूति
उमा भारती साध्वी प्रज्ञा सिंह ने साथ खड़ी नजर आईं. उन्होंने साध्वी का टिकट काटे जाने पर बोला कि प्रज्ञा के मैं पैर छूती हूं, प्रज्ञा ठाकुर ने हम लोगों के लिए बहुत दुख सहे'. प्रज्ञा दीदी की वजह से आज हम जेल में नहीं है. उन पर भगवा आतंकवाद केस में हमारा नाम लेने का दवाब डाला गया लेकिन मैं प्रज्ञा जी इतना ही कहूंगी, हम सबको क्षमा करें.