कैदियाें से जेल में कराया जाएगा नया काम, लोग करने लगेंगे इनका सम्मान - prisoners positivity Campaign
मध्य प्रदेश के जेलों में बंद कौदियों के मन में शांति और सकारात्मकता को बढ़ाने के लिए विश्व गायत्री परिवार ने एक अभियान चलाया है. इसके लिए बंदियों को ध्यान प्राणायाम, अध्यात्म आदि सिखाया जाएगा. उन्हें जेल से निकलने के बाद एक सम्मानजनक जीवन जीने के लिए प्रेरित किया जाएगा.
भोपाल। मध्य प्रदेश के विभिन्न जेलों में बंद कैदियों के व्यक्तित्व और उनके जीवन स्तर को सुधारने की एक अनोखी पहल की जा रही है. इसके लिए मध्यप्रदेश के जेल विभाग और अखिल विश्व गायत्री परिवार ने एक अभियान शुरू किया है. अलग-अलग जेलों में शिविर लगाकर कैदियों को योग, अध्यात्म आदि सिखाया जाएगा. उनके व्यक्तित्व को सुधारने के साथ ही उन्हें समाज के प्रति जिम्मेदार बनने के लिए भी प्रोत्साहित किया जाएगा.
बंदियो को सिखाया जाएगा अध्यात्म
अखिल विश्व गायत्री परिवार की पहल
अखिल विश्व गायत्री परिवार ने बताया कि जीवन में हर व्यक्ति से गलती हो जाना स्वाभाविक है और उसका दंड भी भोगना पड़ता है. लेकिन एक बार गलती करने पर किसी को समाज से वंचित नहीं कर देना चाहिए. वे भी समाज के अंग हैं, जो अपने अपराध से मुक्त होने के बाद फिर एक बार सम्मान से जीवन जीने की आशा करते हैं. ऐसे बंदियों के व्यक्तित्व को सुधारने और एक अच्छा जीवन जीने के लिए तैयार करने का व्यापक अभियान मध्य प्रदेश में चलाया जा रहा है.
कार्य कैलेंडर किया गया तैयार
प्रदेश के जेल विभाग ने ऐसे निरुद्ध सजा भुगत रहे बंदियों के लिए कारागार में रहते हुए ये शिविर शुरू किया है. कैदियों के आगे के जीवन को सुधारने और समाज के जिम्मेदार नागरिक बनाने के लिए ये आध्यात्मिक प्रशिक्षण शिविर शुरू किया है. इसके लिए प्रदेश के केन्द्रीय और सर्किल जेलों में आध्यात्मिक संस्थाओं के सहयोग से अप्रैल 2024 से आगामी मार्च 2025 तक का पूरा कार्य कैलेंडर तैयार किया है. इसकी शासन स्तर पर समीक्षा करने के बाद अन्य जेलों में भी शिविर लगाए जाएंगे.
बंदियो को सिखाया जाएगा अध्यात्म
विचारों में सकारात्मकता लाना उद्देश्य
शिविरों में बंदियों के विचारों में सकारात्मकता बढ़ाने, आत्मविश्वास उत्पन्न करने, मन की शांति के उद्देश्य से अनेक गतिविधियां कराई जाएगी. बंदियों को लेखन, गायत्री मंत्र और अध्यात्म का भी प्रशिक्षण दिया जाएगा. इसके लिए अखिल विश्व गायत्री परिवार को चार जेलों की जिम्मेदारी सौंपी गई है. जिसमें सर्कल जेल शिवपुरी के लिए डॉक्टर खरे, केन्द्रीय जेल उज्जैन के लिए समन्वयक डीके श्रीवास्तव , केंद्रीय जेल बड़वानी के लिए महेंद्र भावसार और सतना जेल के लिए तिवारी को यह शिविर चलाने का दायित्व दिया गया है.
महिला-पुरुष को अलग-अलग प्रशिक्षण
कारागार के अधीक्षक, जेलर और अन्य पदाधिकारी इसके समन्वयक होंगे, जो संस्थाओं को आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध कराएंगे. प्रत्येक माह में दस दिन इस शिविर का आयोजन किया जाएगा, जिसमें महिला और पुरुष दोनों वर्गों को अलग-अलग प्रशिक्षण दिया जायेगा. जेल महानिदेशक जीपी सिंह ने कहा, ' इस आध्यात्मिक प्रशिक्षण का मुख्य उद्देश्य मनोविज्ञान और अध्यात्म के माध्यम से निरुद्ध बंदियों के आत्मिक, अवधारणा, स्वभाव और अंतर्मुखी विकास करना है. उनकी आत्मा से जुड़े आनंद और शांति को अनुभव कराना, उनके जीवन में सकारात्मक परिवर्तन को प्रोत्साहित करना है. आध्यात्मिक प्रशिक्षण के माध्यम से बंदी अपने मन, शरीर और आत्मा के साथ संवेदनशीलता , तुलन और समर्थ का अनुभव कराना है, ताकि वे समाज में सकारात्मक सोच के साथ अपना योगदान देकर गरिमापूर्ण जीवन जी सके.'
निशुल्क किताबों की व्यवस्था
अखिल विश्व गायत्री परिवार के प्रदेश समन्वयक राजेश पटेल ने कहा, ' हमारी संस्था जेलों में पहले से ही यह कार्यक्रम लगातार चला रही है. भोपाल, जबलपुर, उज्जैन, नर्मदापुरम, सागर एवं अन्य छोटी जेलों में नियमित कक्षाएं, यज्ञ संस्कार, गायत्री मंत्र लेखन एवं साहित्य की स्थापना लगातार की जा रही है. स्थानीय कारागार प्रशासन के सहयोग से अनेक सकारात्मक परिणाम देखे गए हैं." अब राज्य शासन द्वारा विधिवत व्यवस्था बना कर यह अभियान शुरू किया गया है. शिविर में प्रेमलाल कुशवाहा और विनीता खंडेलवाल की ओर से बंदियों को निशुल्क साहित्य और मंत्र लेखन की किताबें उपलब्ध कराई जाएगी.'
हर रोज 3 घंटे का प्रशिक्षण आर पी हजारी ने कहा, ' एक दिन में कुल 3 घंटे का प्रशिक्षण होगा, जिसमें मन को स्थिर करने और चित्त की शांति के लिए ध्यान प्राणायाम सिखाया जाएगा. बंदियों को अच्छे प्रेरक विचार और जीवन को सही दिशा देने वाले विषय बताए जाएंगे. अध्यात्म क्या है?, ईश्वर कहां है?, मानव जीवन की गरिमा, महापुरुषों का जीवन, व्यक्तित्व परिष्कार के सूत्र, व्यसन मुक्ति आदि पर एक घंटे का प्रबोधन होगा, शरीर स्वस्थ रहे इसके लिए सरल योग प्राणायाम करवायेंगे और मन को प्रफुल्लित रखने के लिए सरल भक्ति संगीत सिखाया जाएगा. इसी के मध्य गायत्री मंत्र लेखन और अच्छी पुस्तकें पढ़ने की प्रेरणा देंगे. इसके लिए अनुभवी कार्यकर्ता भाई बहनों को तैयार किया गया है.'