मध्य प्रदेश

madhya pradesh

ETV Bharat / state

सार्थक एप से 15 हजार से अधिक गुरुजी परेशान, कॉलेज में उपस्थित होने के बाद भी हो रहे गैरहाजिर - Sarthak app attendance problem

मध्य प्रदेश उच्च शिक्षा विभाग ने सरकारी कॉलेजों में कर्मचारियों की हाजिरी के लिए सार्थक एप से ऑनलाइन व्यवस्था की है, लेकिन कई कॉलेजों के कर्मचारियों को इस एप के जरिए हाजिरी लगाने में समस्या हो रही है. इससे परेशान लोगों ने हाईकोर्ट जाने की चेतावनी दी है.

SARTHAK APP ATTENDANCE PROBLEM
सार्थक एप से 15 हजार से अधिक गुरुजी परेशान (Etv Bharat)

By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Jul 9, 2024, 5:00 PM IST

भोपाल। उच्च शिक्षा विभाग ने सरकारी कॉलेजों में कार्यरत प्रोफेसर और अतिथि विद्वान के साथ तृतीय व चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारियों के लिए सार्थक एप से ऑनलाइन हाजिरी की व्यवस्था की है. जिससे कॉलेज से गायब रहने वाले अधिकारी-कर्मचारियों पर नकेल कसी जा सके, लेकिन यह एप अब उन प्रोफेसरों की हाजिरी में बाधा बन रहा है, जो कॉलेज में उपस्थित तो रहते हैं, लेकिन एप उन्हें गैरहाजिर बता रहा होता है.

कॉलेज से बाहर निकले तो एप में बताना होगा कारण

सरकारी कॉलेजों में प्रोफेसर, अतिथि विद्वान के अलावा कर्मचारियों के लिए ऑनलाइन हाजिरी लगाने का मॉड्यूल है, यहां मोबाइल के माध्यम से हाजिरी लगती है. कॉलेज परिसर में पहुंचकर एप के माध्यम से अपनी सेल्फी लेकर अपलोड करनी होती है. एप में मैप भी अपलोड होता है, जिससे पता चल जाता है कि हाजिरी कहां से लगाई गई है. एप में जिस समय हाजिरी लगी, वह समय दर्ज होता है. जब कॉलेज से बाहर निकलते हैं, तो चेक आउट करना पड़ता है. लेकिन लोकेशन वही होनी चाहिए, यदि कॉलेज से 100 मीटर बाहर भी गए तो एप में कारण बताना पड़ता है.

सार्थक एप को वेतन से जोड़ने की तैयारी

सार्थक जिओ फेसिंग एप है, यानि सेल्फी के साथ ही हाजिरी लगेगी. हाजिरी लगाते ही उसे क्षेत्रीय अतिरिक्त संचालक से लेकर उच्च शिक्षा आयुक्त तक देख सकेंगे. हाजिरी लगाने के बाद कोई स्टाफ बाहर भी जाता है, तो उसकी लोकेशन भी दिखाई देगी. अब उच्च शिक्षा विभाग सार्थक एप को स्टाफ के वेतन से जोड़ने की तैयारी भी कर रहा है.

इसलिए परेशान हो रहे हैं प्रोफेसर व स्टाफ

कई सरकारी कॉलेजों में वाईफाई की सुविधा नहीं है या फिर नेट नहीं मिल पाता. ऐसे में सार्थक एप काम नहीं करता है इसलिए नियत समय में प्रोफेसर व अन्य स्टाफ की हाजिरी दर्ज नहीं हो पाती है. यदि स्पोर्ट्स ऑफिसर मैदान में बच्चों को प्रशिक्षण भी देने जाते हैं, तो एप में उनकी लोकेशन आउट हो जाती है. वहीं प्रोफेसर दूसरे कॉलेजों में परीक्षा लेने जाते हैं, तो भी लोकेशन बदल जाती है. इसका उन्हें एप में स्पष्टीकरण देना पड़ता है. कई बार सार्थक एप में हाजिरी तो लग जाती है, लेकिन छुट्टी होने के बाद चेक आउट नहीं होता.

ये भी पढ़ें:

इंदौर में कृषि महाविद्यालय के स्टूडेंट गुस्से में, कलेक्टर कार्यालय तक निकाला पैदल मार्च

ग्वालियर के जीवाजी विश्वविद्यालय में NSUI कार्यकर्ताओं ने लुटाए नोट, देखने वाले भी हैरान, जानिये पूरा मामला

सार्थक एप पर निजता भंग करने का आरोप

प्रांतीय शासकीय महाविद्यालयीन प्राध्यापक संघ के प्रदेश अध्यक्ष आनंद शर्मा ने बताया कि ''कॉलज के समय तो ठीक है, लेकिन यह मोबाइल 24 घंटे हमारी लोकेशन ट्रेस कर रहा है. इससे हमारी निजता भंग हो रही है. वहीं ब्लाइंड प्रोफेसरों के साथ अलग समस्या है, सेल्फी लेने के दौरान कई बार उनका रेटिना मैच नहीं होता. इसके अलावा कर्मचारियों के मोबाइल में रिचार्ज नहीं है, तो भी उन्हें अनुपस्थित होना पड़ता है. ऐसे में व्यवहारिक कठिनाइयों को देखते हुए इस आदेश को निरस्त करना चाहिए.'' प्रोफेसरों ने बताया कि पहले से ही हम लोगों की सघन निगरानी की जा रही है. हाजिरी के लिए प्राचार्य कक्ष के रजिस्टर के साथ बायोमेट्रिक सिस्टम में भी अटेंडेंस लगाना पड़ता है. कुछ कॉलेजों में तो सीसीटीवी से भी इन और आउट का समय दर्ज किया जा रहा है. अब सार्थक एप ने और परेशान कर दिया है.

प्रोफेसरों ने हाईकोर्ट जाने की दी चेतावनी

प्रोफेसरों का कहना है कि दो-दो जगह उपस्थिति दर्ज करने के बाद भी हाजिरी लगाने के लिए तीसरा सिस्टम लागू किया गया है. जिसमें कई व्यवहारिक कठिनाईयां सामने आ रही हैं. इस आदेश को निरस्त करने के लिए प्राध्यापक संघ उच्च शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव और आयुक्त को ज्ञापन भी सौंपा है. साथ ही चेतावनी दी है कि यदि इस मामले में विभाग जल्द एक्शन नहीं लिया गया तो हाईकोर्ट की शरण लेंगे.

ABOUT THE AUTHOR

...view details