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भोपाल में मेट्रो के सेकंड फेज की साइल टेस्टिंग शुरु, 647 करोड़ रुपये से बनेगा 5.38 किमी एलिवेटेड कॉरिडोर - Bhopal Metro Second Phase - BHOPAL METRO SECOND PHASE

भोपाल के ऑरेंज लाइन में एम्स से सुभाष नगर के बीच करीब 6.22 किलोमीटर प्रायोरिटी कॉरिडोर का काम 90 प्रतिशत पूरा हो गया है. मेट्रो के सेकंड फेज की साइल टेस्टिंग शुरु हो गई है.

BHOPAL METRO SECOND PHASE
भोपाल में मेट्रो के सेकंड फेज की साइल टेस्टिंग शुरु (ETV Bharat)

By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Jun 19, 2024, 8:39 PM IST

भोपाल।भोपाल के ऑरेंज लाइन में एम्स से सुभाष नगर के बीच करीब 6.22 किलोमीटर प्रायोरिटी कॉरिडोर का काम 90 प्रतिशत पूरा हो गया है. सितंबर 2024 से इस एलिवेटेड कारिडोर में मेट्रो के कामर्शियल रन की तैयारी हो रही है. वहीं सेकंड फेज में सिंधी कॉलोनी से भारतीय मृदा विज्ञान संस्थान बैरसिया रोड तक 5.38 किलोमीटर मेट्रो का एलिवेटेड कॉरिडोर बनना है. इसके लिए निर्माण एजेंसी ने साइल टेस्टिंग शुरु कर दी है. इसकी जांच के बाद पिलर खड़ा करने का काम शुरु होगा.

सिंधी कॉलोनी से भारतीय मृदा संस्थान तक बनेंगे 6 मेट्रो स्टेशन

सिंधी कॉलोनी से भारतीय मृदा विज्ञान संस्थान तक करीब 5.38 किलोमीटर के कॉरिडोर में 6 एलिवेटेड मेट्रो स्टेशन बनेंगे. इस मार्ग में एलिवेटेड कॉरिडोर और मेट्रो स्टेशन बनाने में करीब 650 करोड़ रुपये खर्च होंगे. एमपी मेट्रो के अधिकारियों ने साइल टेस्टिंग के साथ इस मार्ग पर अतिक्रमण को भी चिंहित कर रहे हैं. जिससे निर्माण कार्य शुरु होने से पहले अतिक्रमण को हटाया जा सके. वहीं पात्र कब्जाधारियों को विस्थापित किया जाए.

जमीन से 20 मीटर नीचे बनेगी भूमिगत टनल

पातरा पुल के पास आरा मिल से सिंधी कॉलोनी तक 3.39 किलोमीटर का मार्ग भूमिगत होगा. इसके लिए जमीन के 20 मीटर नीचे टनल बनाई जाएगी. भूमिगत मार्ग में भोपाल रेलवे स्टेशन और नादरा बस स्टैंड के पास दो मेट्रो स्टेशन बनेंगे. इनको इस प्रकार से तैयार किया जाएगा, कि बिना परिसर से बाहर निकले यात्री मेट्रो स्टेशन से सीधे रेलवे स्टेशन या बस स्टैंड में प्रवेश कर सकेंगे. इसके लिए मेट्रो स्टेशन के आगमन और निर्गम द्वार पर एस्केलेटर भी लगाया जाएगा. जिससे यात्री लगेज के साथ भी आसानी से स्टेशन बदल सकेंगे.

मेट्रो स्टेशनों में लगेगा साइबर सिक्योरिटी सिस्टम

एमपी मेट्रो कॉर्पोरेशन लिमिटेड के अधिकारियों ने बताया कि मेट्रो ट्रेन के कोच और स्टेशन के साथ अन्य स्थानों पर सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएंगे. इनमें कैप्चर होने वाले वीडियो से संदिग्ध व्यक्ति का चेहरा मिलान कर वीडियो एनालिटिक्स सिस्टम के जरिए उसकी पहचान की जाएगी. इसके लिए आर्टिफिशियल इटेंलीजेंस सिस्टम की मदद ली जाएगी. इसकी मदद से अपराधियों का डाटा तैयार किया जाएगा. जिसमें अपराधियों और गुमशुदा बच्चों के फोटो अपलोड किए जाएंगे. अपराधी जैसे ही कैमरे के संपर्क में आएगा, अलार्म बजना शुरु हो जाएगा.

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मेट्रो स्टेशन के आसपास बनेंगे नए बस स्टेंड

शहर में मेट्रो के संचालन के बाद बसों के नए मार्गों का उन्नयन किया जाएगा. मेट्रो स्टेशनों के पास ही नए बस स्टाप बनाए जाएंगे, जिससे मेट्रो और बस के यात्रियों को लिंक किया जा सके. मेट्रो स्टेशन को सुविधाजनक बनाने और उसके आसपास लगने वाले जाम को कम करने के लिए उन पर अप्रोच रोड, पेडीस्ट्रीअन वाक वे, पार्किंग, फीडर बस, आटो, शटल, ई-रिक्शा आदि के लिए पार्किंग बनाने का प्लान है. इस प्लानिंग से न सिर्फ मेट्रो स्टेशनों के आसपास ट्रैफिक में सुधार होगा, बल्कि लोगों को लास्ट माइल कनेक्टिविटी भी आसानी से मिलेगी.

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