भोपाल। इस ग्राउण्ड रिपोर्ट को इसलिए पढ़िए कि आप सचेत रहें एक मतदाता बतौर आपके साथ होने वाले छल से. चेहरा देखे बगैर तो संवाद भी मुमकिन नहीं है. एमपी के इस गांव का भरोसा देखिए कि बिना मिले जाने देखे एक नेत्री को सांसद बनाकर पार्लियामेंट पहुंचा दिया था. इतना ही नहीं वो सांसद महोदया भी पलट कर नहीं आई. पांच साल ये गांव इंतजार ही करता रहा कि सांसद जी आएंगी और गांव बताएगा दो बूंद पानी के लिए भी मोहताज है. इस सुहाया गांव का किसान.
ईटीवी भारत ने जब यहीं एक नौजवान से सवाल किया आप क्यों नहीं चले गए सांसद जी के दरवाजे तो उसका जवाब काबिल ए गौर था. नौजवान ने कहा कि जिम्मेदारी उनकी थी, हमारे पास आने की, नहीं आईं, तो देखिए रवाना ही हो गई ना. आपको बता साध्वी प्रज्ञा ठाकुर इनकी सांसद हैं. एंटी इन्कमबेंसी के डर में बीजेपी ने जिनका टिकट काट दिया. भोपाल लोकसभा सीट के सुहाया गांव से ईटीवी भारत की ग्राउण्ड रिपोर्ट.
पांच साल भी गुजर गए, इस गांव ने नहीं देखा सांसद का चेहरा
सुहाया गांव राजधानी भोपाल से बमुश्किल पचास किलोमीटर की दूरी पर है. भोपाल लोकसभा सीट के ग्रामीण इलाके बैरसिया का हिस्सा ये है. सुहाया गांव के लोगों ने 2019 के चुनाव में साध्वी प्रज्ञा ठाकुर को वोट दिया. हालांकि वो वोट मांगने भी नहीं आई थी, लेकिन इस भरोसे पर कि जीत जाएंगी तो गांव का विकास करने गांव वालों की मुश्किल जानने तो आएंगी, लिहाजा गांव ने वोट दे दिया. सुरेश धाकड़ बताते हैं पांच साल हम लोग इंतजार ही करते रहे, सांसद महोदया नहीं आई. ना वोट मांगने आई ना उसके बाद हमसे मिलने आई. इस गांव में एक आदमी ढूंढ के बता दीजिए, जिसने सांसद प्रज्ञा ठाकुर का चेहरा भी देखा हो.
डैम के लिए हमने जमीन दी, पानी विदिशा को, कहें किससे
सुहाया गांव के ही रहने वाले राकेश साहू बताते हैं 'हमारे गांव बैरसिया तहसील की जमीन लेकर संजय गांधी डैम बना दिया गया, लेकिन पानी विदिशा को मिल रहा है. किससे बोले और कौन सुनवाई करेगा. कई बार विधायकों को बोला पर किसीने नहीं सुनी. हमारा सवाल था सांसद जी के सामने ये समस्या रखी आपने. साहू ने 'कहा मिलती तो रखते पांच साल मुंह दिखाई नहीं हुई सांसद जी की.' आप चले जाते उनको समस्या बताने. राकेश थोड़ा तल्ख लहजे में कहते हैं ' गांव में आना उनकी जिम्मेदारी थी. वो नहीं आई तो हम उनके दरवाजे क्यों जाएं.' नारायण बताते हैं कि 'गांव की मुख्य समस्या पानी की है. ज्यादातर लोग खेती किसानी करते हैं. अगर बांध से पानी मिल जाए तो सुहाया की तस्वीर बदल जाए. फिर कोई दिक्कत नहीं है.'