भोपाल। मुंबई के घाटकोपर इलाके में बीते 13 मई को धूल भरी आंधी के कारण करीब 15 हजार वर्ग फीट का होर्डिंग गिर गया था. जिससे 17 लोगों की मौत हो गई थी और करीब 70 से अधिक लोग घायल हुए थे. अब इस घटना से सीख लेते हुए नगर निगम भोपाल ने भी शहर में लगे होर्डिंगों की सुध लेनी शुरु कर दी है. इसके लिए नगर निगम ने मौलाना आजाद नेशनल इंस्टीट्यूट आफ टेक्नालाजी (मैनिट) संस्थान को नियुक्त किया है. अगले 15 दिन में मैनिट की टीम पूरे शहर में लगे होर्डिंग, यूनिपोल का सर्वे करेगी और अनफिट होर्डिंग की सूची बनाकर नगर निगम को देगी. इससे पहले निगम के यांत्रिक विभाग ने जोन स्तर पर सर्वे शुरू कर दिया है.
सिविल शाखा ने शुरू किया सर्वे
मैनिट की टीम के साथ नगर निगम का सिविल शाखा कोर्डिनेटर की भूमिका में होगा. सिविल के अधीक्षण यंत्री आरके सक्सेना मैनिट की तैयार रिपोर्ट को नगर निगम आयुक्त के सामने रखेंगे. इससे पहले सिविल शाखा के जोनों में पदस्थ इंजीनियर अपने-अपने जोन से संबंधित होर्डिंग की सूची बना रहे हैं. इस दौरान निजी भवन, सरकारी भूमि और रोड किनारे लगे होर्डिंग-यूनिपोल की जांच होगी.
धार्मिक स्थलों पर लगे होर्डिंग को नोटिस
नगर निगम प्रशासन ने शहर के धार्मिक स्थलों पर लगे होर्डिंग के संबंध में जोनल अधिकारियों को नोटिस थमाए हैं. बता दें कि होर्डिंग लगवाने के लिए ऑनलाइन आवेदन करना होता है. अगर निजी भवन पर होर्डिंग लगवाना है तो संबंधित भवन के कागजात और प्रॉपर्टी टैक्स की कॉपी लगाना होता है. उसके बाद जोनल अधिकारी स्थल निरीक्षण करते हैं, लेकिन सवाल खड़ा किया जा रहा है कि धार्मिक स्थल टैक्स के दायरे में ही नहीं आता तो इसकी रसीद और कागजात कैसे बन गए हैं.
शहर में लगे अधिकतर होर्डिंग अवैध
शहर के वीआईपी रोड सहित कमलापार्क, लिंक रोड नंबर 1-2, एमपी नगर जोन 1-2, होशंगाबाद रोड, रायसेन रोड, आयोध्या बायपास, बैरसिया रोड, लालघाटी, गांधी नगर इलाके में बड़े-बड़े होर्डिंग नजर आते हैं. बताया जा रहा है कि इसमें से ज्यादातर होर्डिंग अवैध हैं. रोड किनारे सरकारी भूमि पर होने के कारण इनकी कोई अनुमति नहीं है, लेकिन कहा जा रहा है कि सालों से निगम के अधिकारियों की मिलीभगत से यह होर्डिंग लगे हैं.