बैतूल :झांसी मेडिकल कॉलेज में हुए अग्निकांड के बाद मध्यप्रदेश का स्वास्थ्य विभाग भी नींद से जाग गया. सभी जिलों के जिला अस्पाल अधीक्षकों को इस बारे में निर्देश दिए गए. इनसे कहा गया कि सभी एसएनसीयू वार्डों का बारीकी से निरीक्षण करें. आग रोकने के इंतजामों का नए सिरे से अवलोकन करें. नवजात बच्चों की जान की हिफाजत करना प्राथिमिकता होनी चाहिए.
झांसी हादसे के बाद खुली नींद, मध्यप्रदेश के SNCU वार्डों की हालत भी देखो - MP HEALTH DEPARTMENT
बैतूल जिला अस्पताल के एसएनसीयू वार्ड की क्या स्थिति है, ये देखने के लिए मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने निरीक्षण किया.
By ETV Bharat Madhya Pradesh Team
Published : Nov 18, 2024, 12:52 PM IST
मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने बैतूल जिला अस्पताल पहुंचकर फायर ऑडिट की जानकारी ली. इसके साथ ही खुली वायरिंग को लेकर इसके ठोस इंतजाम करने को कहा. बता दें कि बैतूल के एसएनसीयू वार्ड में फिलहाल 32 नवजात एडमिट हैं. मुख्य चिकित्सा स्वास्थ्य अधिकारी डॉ.रविकांत डेहरिया ने एसएनसीयू वार्ड में पहुंचते ही बिजली का खुला बॉक्स देखा. इसके बाद बच्चों के परिजनों से कहा कि प्रतीक्षालय में बैठें. मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने एसएनसीयू वार्ड में लगे सभी फायर सेफ्टी इक्यूपमेंट की डेट चेक की. जहां नवजात एडमिट हैं, वहां की मशीनों का तापमान देख कर स्टाफ को निर्देशित किया. चेकिंग के बाद सीएमओ ने संतोष जताया.
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झांसी मेडिकल कॉलेज में जलकर मरे 11 नवजात
गौरतलब है कि झांसी मेडिकल कॉलेज के बच्चों के वार्ड में शुक्रवार देर रात आग लग गई. भयानक अग्निकांड में 11 नवजात बच्चों की जलकर मौत हो गई. चाइल्ड वार्ड की खिड़की तोड़कर कई बच्चों को निकाला गया. फायर ब्रिगेड के कर्मचारियों ने बड़ी मुश्किल से आग पर काबू पाया. झांसी जिला प्रशासन की ओर से 10 बच्चों की मौत की पुष्टि की गई है. इनमें 7 बच्चों की पहचान भी कर ली गई है, जबकि 3 बच्चों की पहचान नहीं हो पाई है. आग लगने का कारण शॉर्ट सर्किट बताया जा रहा है. वार्ड में करीब 49 नवजात बच्चे भर्ती थे.