भोपाल: मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल के हमीदिया अस्पताल से एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है. आरोप है कि एक महिला को घायल अवस्था में जिंदा ही मोर्चरी में रख दिया गया, जिससे उसकी मौत हो गई. मृतका के पति ने अस्पताल में हंगामा करते हुए डॉक्टर पर लापरवाही का आरोप लगाया है. मृतका के पति ने मामले की शिकायत पुलिस से की है. पुलिस ने जांच के बाद कार्रवाई की बात कही है.
रोड एक्सीडेंट के बाद महिला को लाया गया हमीदिया
भोपाल के हमीदिया अस्पताल की चौकी से मिली जानकारी के अनुसार शहर के रतन कॉलोनी निवासी राजकुंवर पत्नी तुलाराम अहिरवार अपने दो बच्चों के साथ मां से मिलने बैरसिया गई थी. शनिवार दोपहर राजकुंवर 16 वर्षीय बेटे और 12 साल की बेटी के साथ स्कूटी से घर लौट रही थी. इसी दौरान रास्ते में सामने से आ रही एक तेज रफ्तार बाइक ने स्कूटी को टक्कर मार दी.
मृतका के पति ने अस्पताल प्रशासन पर लगाया गंभीर आरोप (ETV Bharat) हादसा ईंटखेड़ी थाना के निपानिया जाट के पास हुआ था. हादसे में मां और दोनों बच्चे गंभीर रूप से घायल हो गए. सूचना पाकर मौके पर पहुंची पुलिस ने तीनों को हमीदिया अस्पताल भेज दिया. जहां डॉक्टरों ने राजकुंवर को मृत घोषित कर दिया, जबकि दोनों बच्चों को इलाज के लिए भर्ती कर लिया.
मोर्चरी में जिंदा ही रखने का आरोप
घटना की जानकारी मिलते ही महिला के पति तुलाराम हमीदिया अस्पताल पहुंच गए. उन्होंने बताया कि जब वे अस्पताल पहुंचे तो दोनों बच्चे जख्मी हालत में भर्ती थे, लेकिन मेरी पत्नी नहीं दिखाई दी. पूछने पर पता चला कि उसकी मौत हो गई है और उसे मोर्चरी में भेज दिया गया है. इसके बाद में मोर्चरी में पहुंचा तो देखा की डीप फ्रीजर में रखी उसकी पत्नी की सांसे चल रही थीं. नब्ज चल रही थी. सीने पर कान लगाकर चेक किया तो धड़कन भी चल रही थी. दरअसल, तुलाराम भोपाल एम्स में टेक्नीशियन के तौर पर कार्यरत हैं तो उनका कहना है कि इसलिए उनको इन सब की जानकारी है.
पुलिस ने दिया जांच का भरोसा
तुलाराम ने बताया कि इसके बाद मैंने हॉस्पिटल वालों से पत्नी को बचाने की गुहार लगाई, लेकिन किसी ने सुनी नहीं और डीप फ्रीजर में होने के कारण आधे घंटे में पत्नी ने दम तोड़ दिया. तुलाराम ने अस्पताल प्रशासन पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए हंगामा किया. उन्होंने कोहेफिजा पुलिस को मामले की शिकायत की है. कोहेफिजा थाना प्रभारी ब्रजेश मार्कोले ने कहा, "पीड़ित ने घटना की शिकायत की है. हॉस्पिटल के डॉक्टरों से जानकारी ली गई है. मामले की जांच के बाद अस्पताल प्रशासन की लापरवाही पाये जाने पर मामला दर्ज कर कार्रवाई की जाएगी."