भोपाल : विधानसभा चुनाव 2023 से ठीक पहले सीएम हाउस में बुलाई गई महापंचायत में तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अतिथि विद्वान और अतिथि व्याख्याताओं को लेकर कई घोषणाएं की थी. इनमें अतिथि विद्वान और व्यख्याताओं को कार्यदिवस की बजाय मासिक वेतन देने, शासकीय सेवकों की तरह अवकाश और करीब के महाविद्यालयों में स्थानांतरण की सुविधा देने का वादा किया था. साथ ही पीएससी परीक्षा में संशोधन करके 25 प्रतिशत पद अतिथि विद्वानों के लिए आरक्षित करने की बात कही थी. इन्हीं मांगों को लेकर अतिथि शिक्षकों और विद्वानों ने पत्रकार वार्ता बुलाई.
मांगें पूरी नहीं होती तो करेंगे बड़ा आंदोलन
अतिथि विद्वान नियमितीकरण संघर्ष मोर्चा मध्य प्रदेश के अध्यक्ष डॉ. सुरजीत भदौरिया ने कहा, '' 11 सितंबर 2023 को तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने तत्कालीन उच्च शिक्षा मंत्री मोहन यादव की उपस्थिति में महापंचायत बुलाई थी. इसमें की गई घोषणाओं को लेकर एजेंडा भी बना, कैबिनेट में पास भी हुआ. लेकिन जब यह सरकारी आदेश बनकर निकला तो यह घोषणाओं और मांग के बिलकुल विपरीत था. आदेश को लेकर जब हम नेता और अधिकारियों के पास जाते हैं, तो हमें गोलमोल जबाव देकर वापस कर दिया जाता है. 11 सितंबर 2024 को महापंचायत में हुई घोषणा को एक साल पूरा होने पर अतिथि विद्वानों ने पत्रकार वार्ता बुलाई है. भदौरिया ने बताया कि इस मामले को लेकर सरकार के प्रतिनिधियों से बात की जाएगी, यदि बात नहीं बनी तो हमें आंदोलन की तैयारी करनी होगी.''