भोपाल: भेल टाउनशिप में एक बार फिर 1500 मकानों पर बुलडोजर चलने वाला है. इसको लेकर तैयारियां पूरी कर ली गई हैं. प्रबंधन से हरी झंडी मिलते ही इन मकानों को जमींदोज कर दिया जाएगा. बता दें, कि इससे पहले भी भेल प्रबंधन ने बरखेड़ा, पिपलानी, हबीबगंज और गोविंदपुरा में स्थित 2500 से अधिक खाली क्वाटर को गिरा चुका है. अधिकारियों का कहना है कि जिन मकानों में कर्मचारी रह रहे हैं, उनकी मरम्मत कराई जाएगी, जबकि खाली पड़े मकानों को गिरा दिया जाएगा.
60 साल से अधिक पुराने हैं मकान
जानकारी के अनुसार साल 1960 में भेल ने पिपलानी, गोविंदपुरा, बरखेड़ा और हबीबगंज में अपने कर्मचारियों के लिए टाउनशिप डेवलप की थी. इसी दौरान मकान बनाए गए थे. जो अब पूरी तरह जर्जर हो चुके हैं. हालांकि इनमें कुछ मकानों की हालत ठीक है, जहां कर्मचारी रह रहे हैं. जबकि बताया जा रहा है कि खंडहर मकानों में अन्य लोगों ने कब्जा कर रखा है. इन मकानों को बने हुए 60 साल से अधिक का समय बीत गया है और ये मकान जर्जर हो चुके हैं. ऐसे में सुरक्षा की दृष्टि से इन मकानों को गिराना जरुरी हो गया है.
12 हजार में से रहने लायक बचे 6 हजार मकान
भेल भोपाल के प्रवक्ता विनोदानंद झा ने बताया कि "एक समय टाउनशिप में 12 हजार मकान थे. अब इनमें 7500 मकान ही बचे हैं, वो भी जर्जर अवस्था में हैं. इसलिए प्रबंधन 1500 और मकानों को गिराने का फैसला लिया है. हालांकि बचे हुए 6 हजार मकानों की रिपेयरिंग कराई जाएगी, जिससे कर्मचारियों के लिए बेहतर आवास सुविधा मिल सके."