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AIIMS में होम्योपैथी चिकित्सा से क्रॉनिक स्कैल्प सोरायसिस का सफल इलाज, फिर से आ गए सिर के झड़े बाल - Bhopal AIIMS Treats Scalp Psoriasis

By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Jul 14, 2024, 6:24 PM IST

एम्स भोपाल के आयुष विभाग के नाम पर रोज न रोज कई उपलब्धियां दर्ज हो रही हैं. हाल ही में क्रॉनिक स्कैल्प सोरायसिस से पीड़ित एक युवक का सफलतम इलाज किया गया. इसके बाद अब इस युवक के सिर पर फिर से बाल आने लगे हैं और घाव भी ठीक हो रहे हैं.

BHOPAL AIIMS TREATS SCALP PSORIASIS
AIIMS में क्रॉनिक स्कैल्प सोरायसिस का सफल इलाज (ETV Bharat)

भोपाल। एम्स भोपाल का आयुष विभाग गंभीर बीमारियों के इलाज में आए दिन नए कीर्तिमान रच रहा है. हाल ही में क्रॉनिक स्कैल्प सोरायसिस से पीड़ित 21 वर्षीय युवा का सफल इलाज किया गया. बीमारी की वजह से युवक के सिर पर गंभीर घाव हो गए थे. जिसे भोपाल के अन्य अस्पतालों और डॉक्टरों को दिखाने के बाद भी ठीक नहीं हो रहा था. इससे कारण उसके सिर के बाल भी तेजी से झड़ने लगे थे. एम्स में दो महीने इलाज कराने के बाद इस व्यक्ति के सिर पर पहले की तरह बाल आने लगे और घाव भी पूरी तरह से ठीक हो गए हैं.

एक साल से सिर पर जम रही थीं काली पपड़ियां

मरीज ने होम्योपैथिक ओपीडी में डॉक्टरों को बताया कि उसके सिर पर बीते एक साल से काली पपड़ियां जम रही हैं. इससे बाल भी झड़ते जा रहे हैं. इसके पहले भोपाल के अन्य डॉक्टरों को भी दिखा चुके हैं लेकिन बीमारी ठीक नहीं हो रही है. जिसके बाद होम्योपैथी डिपार्टमेंट के डॉ आशीष कुमार दीक्षित ने बीमारी को गंभीरता से लेते हुए समुचित जांच कराने के निर्देश दिए, साथ ही उसका इलाज भी शुरू कर दिया. इलाज शुरू होने के 15 दिन में ही डॉक्टरों को सफल परिणाम दिखने लगा और दो महीने में बीमार व्यक्ति पूरी तरह स्वस्थ हो गया. हालांकि अभी भी उपचार चल रहा है डॉक्टरों ने उसे सिर की स्वच्छता बनाए रखने और हाइड्रेटेड रखने की सलाह दी है.

क्या होता है स्कैल्प सोरायसिस

एम्स भोपाल के डॉ दीक्षितने बताया कि "यह रोग क्रॉनिक होता है. स्कैल्प सोरायसिस एक आम त्वचा विकार है, जिसकी विशेषता स्कैल्प पर मोटी, पपड़ीदार पट्टिकाएं होती हैं, जो माथे, गर्दन के पीछे और कानों के आस-पास तक फैल सकती हैं. यह खुजली, बेचैनी और शर्मिंदगी का कारण बन सकता है. जो व्यक्ति के जीवन की गुणवत्ता को महत्वपूर्ण रूप से प्रभावित करता है. गंभीर मामलों में यह बालों के झड़ने और द्वितीयक संक्रमण का कारण बन सकता है. इस मामले में एम्स भोपाल के डायरेक्टर डॉ अजय सिंह ने भी होम्योपैथी चिकित्सा में मल्टीडिसिप्लिनरी शोध किए जाने की बात कही है.

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जर्मनी से इलाज कराने पहुंची महिला

एम्स भोपाल के आयुष विभाग में गंभीर और लंबे समय से चली आ रही बीमारियों के सफल इलाज में अहम योगदान दे रहा है. अब देश, प्रदेश के साथ विश्व के अन्य देशों से भी लोग इलाज कराने एम्स भोपाल के आयुष डिपार्टमेंट में पहुंच रहे हैं. हाल ही में जर्मनी की 32 वर्षीय महिला का आयुर्वेद चिकित्सा पद्धति से सफल इलाज किया गया. दरअसल महिला को फिस्टुला की बीमारी थी. इससे निपटने के लिए उन्होंने विदेश में दो बार सर्जरी भी कराई लेकिन सफलताजनक परिणाम नहीं मिला. जिसके बाद भोपाल एम्स के आयुर्वेद विभाग पहुंची. यहां क्षार सूत्र पद्धति से महिला का सफल इलाज किया गया. बीते 5 महीने में महिला इलाज करने के बाद अपने देश वापस लौट गई.

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