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महाकुंभ 2025 में आकर्षण का केंद्र बनेगा भारद्वाज मुनि का आश्रम, यहां खोजी गई थी हवाई जहाज उड़ाने की तकनीक

Bhardwaj Muni ashram in Prayagraj : भारद्वाज मुनि के आश्रम के पुनर्निर्माण के लिए 13 करोड़ हो रहे खर्च.

भारद्वाज मुनि के आश्रम का पुनर्निर्माण
भारद्वाज मुनि के आश्रम का पुनर्निर्माण (Photo credit: ETV Bharat)

By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Nov 12, 2024, 9:23 PM IST

प्रयागराज :महाकुंभ 2025 से पहले और धर्म और आस्था की नगरी में धार्मिक स्थलों का पुनर्निर्माण योगी सरकार की प्राथमिकता में है. इसको लेकर योगी सरकार ने भारद्वाज मुनि के आश्रम के पुनर्निर्माण के लिए 13 करोड़ रुपए का बजट रखा है. यहां लगभग 85 प्रतिशत कार्य पूर्ण हो चुका है. महाकुंभ आयोजन शुरू होने से पहले सभी काम पूरे करने के निर्देश दिए गए हैं.

प्रयागराज विद्ववत परिषद के समन्वयक वीरेंद्र पाठक ने दी जानकारी (Video credit: ETV Bharat)

महाकुंभ में आने वाले श्रद्धालुओं के लिए प्रयागराज का भारद्वाज मुनि का आश्रम आकर्षण का प्रमुख केंद्र बन रहा है. यहीं दुनिया में पहली बार विमान उड़ाने की टेक्नोलॉजी खोजी गई. पौराणिक मान्यता के अनुसार, भारद्वाज मुनि ने यहीं पर विमान उड़ाने के 500 प्रकार के तरीके निकाले थे. सूर्य की किरणों से चलने वाले विमान की टेक्नोलॉजी खोजने वाले भारद्वाज मुनि पहले ऋषि हैं.

कई राज्यों के मजदूर लगाये गए :मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की योजनाओं में से एक भारद्वाज मुनि के आश्रम का पुनर्निर्माण का कार्य तेजी से आगे बढ़ रहा है. मंदिर के कॉरिडोर को अंतिम रूप देने के लिए दिन रात काम चल रहा है. निर्माण कार्य को जल्द से जल्द पूरा करने के लिए कई राज्यों के मजदूरों को यहां लगाया गया है.


दीवारों से लेकर मुख्य द्वार का अनोखा रूप :मुख्यमंत्री के निर्देश पर प्राचीन भारतीय विमान निर्माण कला पर आधारित महान वैज्ञानिक महर्षि भारद्वाज के आश्रम का कायाकल्प किया जा रहा है, यहां दीवारों पर भित्तिचित्र जिसमें भारद्वाज ऋषि से जुड़ी कहानियां आदि को दर्शाया गया है.


देश दुनिया मे है मान्यता :संगम नगरी में महर्षि भारद्वाज का आश्रम सदियों से सनातन संस्कृति का प्रतीक है. प्रयागराज को तीर्थराज कहा गया है. यहां की पौराणिक मान्यता है कि भारद्वाज मुनि प्रयागराज के प्रथम निवासी ऋषि थे. सप्तऋषि परिवार में भारद्वाज ऋषि का नाम सबसे ज्यादा आदर से लिया जाता है. भारद्वाज आश्रम की देश और दुनिया में बहुत मान्यता है. आश्रम कॉरिडोर बनने के बाद यहां बड़ी संख्या में श्रद्धालु जुटेंगे और दुनिया में यहां की बहुत मान्यता है. इसकी वजह से साउथ इंडिया के काफी लोग प्रयागराज आते हैं.

मान्यता है कि वन गमन से पहले प्रभु श्रीराम, माता सीता और लक्ष्मण भारद्वाज मुनि के आश्रम में रुके थे. यहीं आश्रम से ऋषि ने उनको चित्रकूट जाने की सलाह दी थी. कहा जाता है कि लंका पर विजय प्राप्त करने के बाद प्रभु श्रीराम ऋषि से मिलने उनके आश्रम दोबारा लौटकर आए थे.

आयुर्वेद के थे जनक :प्रयागराज विद्ववत परिषद के समन्वयक वीरेंद्र पाठक का कहना है कि इस बार इस कुम्भ में देश विदेश से आने वाले श्रद्धालुओं के लिए भारद्वाज मुनि का आश्रम आकर्षण का केंद्र रहेगा. उन्होंने कहा कि वह आयुर्वेद के जनक थे. वे कुंभ मेला और माघ मेला के प्रवर्तक जाने जाते हैं. इनकी 51 फीट की एक विशाल प्रतिमा भी स्थापित है.



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