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बजट 2025 से भरतपुर संभाग को विकास की उम्मीदें, जानिए आमजन को क्या-क्या है आस - BUDGET 2025

बजट 2025 से भरतपुर संभाग के लोगों को खासी उम्मीदें हैं. पर्यटन, जल, परिवहन, रोजगार और बुनियादी ढांचे को लेकर कई अपेक्षाएं हैं.

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भरतपुर संभाग को बजट से उम्मीदें (ETV Bharat Bharatpur)

By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Jan 30, 2025, 4:25 PM IST

भरतपुर: केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण देश का बजट पेश करने जा रही हैं. भरतपुर संभाग के भरतपुर, धौलपुर, डीग, सवाई माधोपुर, गंगापुर और करौली को इस बजट से कई बड़ी उम्मीदें हैं. पर्यटन, जल आपूर्ति, बुनियादी ढांचे, परिवहन, रोजगार और औद्योगिक विकास को लेकर संभाग के लोगों को विशेष घोषणाओं की आस है. भाजपा और कांग्रेस, दोनों ही दलों के नेता अपने-अपने एजेंडे के अनुसार सरकार से उम्मीदें जता रहे हैं. आइए जानते हैं कि भरतपुर संभाग के अलग-अलग जिलों की क्या प्राथमिकताएं हैं और सरकार से उनकी क्या अपेक्षाएं हैं.

भरतपुर-ये हैं मांगें: पर्यटन व जल आपूर्ति को लेकर उम्मीदें भरतपुर के लोग इस बार बजट में पर्यटन और जल आपूर्ति को लेकर महत्वपूर्ण घोषणाओं की उम्मीद कर रहे हैं. भाजपा के पूर्व जिला अध्यक्ष गिरधारी तिवारी ने कहा कि सरकार को केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान को पांचना बांध से नियमित जलापूर्ति की योजना को बजट में शामिल करना चाहिए. इसके अलावा, ऐतिहासिक स्थलों को पर्यटन सर्किट से जोड़ने और भरतपुर को पर्यटन के केंद्र के रूप में विकसित करने की भी मांग की जा रही है. इआरसीपी के तहत भरतपुर समेत संभाग के अन्य जिलों को जल संकट से राहत दिलाने के लिए ठोस कदम उठाने की जरूरत है.

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कांग्रेस के प्रवक्ता डिगंबर खटाना ने कहा कि भरतपुर को एनसीआर (राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र) में शामिल किए जाने का अब तक कोई खास लाभ नहीं मिला है. उन्होंने बजट में औद्योगिक विकास की जरूरत बताते हुए कहा कि जिले में नई इंडस्ट्री स्थापित होनी चाहिए, ताकि युवाओं को रोजगार मिल सके. भरतपुर ट्राएंगल पर स्थित है, लेकिन पर्यटन की दृष्टि से अभी भी बहुत पीछे है. ऐसे में बजट में पर्यटन क्षेत्र से जुड़ी घोषणा करनी चाहिए, ताकि पर्यटन के नक्शे पर जिले को नई पहचान मिल सके.

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धौलपुर: टूरिज्म व जल संकट के समाधान की जरूरत: धौलपुर जिले को इस बजट में पर्यटन और जल आपूर्ति से जुड़ी योजनाओं की दरकार है. घड़ियाल सेंचुरी को विकसित करने, चंबल नदी के किनारे इको-टूरिज्म को बढ़ावा देने और सिंचाई के लिए जल स्रोतों के विस्तार की जरूरत है. ईआरसीपी योजना से धौलपुर को भी लाभ मिले, इसके लिए बजट में प्रावधान होना चाहिए.

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डीग: संरक्षण और पर्यटन विकास की मांग:डीग अपने ऐतिहासिक किलों और महलों के लिए प्रसिद्ध है, लेकिन पर्यटन के लिहाज से अभी तक यहां पर्याप्त सुविधाएं विकसित नहीं हो पाई हैं. स्थानीय लोग उम्मीद कर रहे हैं कि सरकार डीग के किले और महलों को एक पर्यटन केंद्र के रूप में विकसित करने के लिए विशेष पैकेज की घोषणा करे. इसके अलावा, डीग के किसानों को सिंचाई की समस्या से निजात दिलाने के लिए भी सरकार को ठोस कदम उठाने चाहिए.

सवाई माधोपुर: रोजगार और बुनियादी ढांचे पर जोर: सवाई माधोपुर के नागरिकों को इस बजट में रोजगार, परिवहन और जल आपूर्ति से जुड़ी घोषणाओं की उम्मीद है. भाजपा जिलाध्यक्ष सुशील दीक्षित ने कहा कि सरकार को ऐसे प्रावधान करने चाहिए, जिससे जिले में रोजगार के नए अवसर पैदा हों. उन्होंने जिले में जल और विद्युत आपूर्ति को बेहतर बनाने और हमीर ब्रिज का निर्माण जल्द पूरा करने की भी मांग की, ताकि ट्रैफिक जाम की समस्या से छुटकारा मिले. कांग्रेस जिलाध्यक्ष गिरा सिंह गुर्जर ने कहा कि रणथंभौर टाइगर रिजर्व के आसपास पर्यटन सुविधाओं को बढ़ावा देने की जरूरत है. इसके साथ ही, घड़ियाल प्रोजेक्ट को दोबारा सक्रिय कर सवाई माधोपुर को एक बड़ा इको-टूरिज्म हब बनाने की मांग की गई है.

करौली: कृषि और रोजगार के लिए योजनाओं की मांग: करौली जिले के नागरिक चाहते हैं कि सरकार कृषि, सिंचाई और ग्रामीण रोजगार को बढ़ावा देने के लिए विशेष प्रावधान करे. जिले में ज्यादातर लोग कृषि पर निर्भर हैं, लेकिन जल संकट के कारण किसान परेशान हैं. इसके अलावा, करौली के ऐतिहासिक और धार्मिक स्थलों को पर्यटन से जोड़कर रोजगार के नए अवसर पैदा करने की मांग भी की जा रही है.

संभाग के लोगों की प्रमुख मांगें:

  1. केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान को पंचना बांध से जल आपूर्ति.
  2. ईआरसीपी योजना के तहत जल संकट से राहत.
  3. रणथंभौर टाइगर रिजर्व और धौलपुर की घड़ियाल सेंचुरी को पर्यटन केंद्र के रूप में विकसित करना.
  4. भरतपुर को एनसीआर के तहत औद्योगिक विकास का लाभ दिलाना.
  5. हमीर ब्रिज का निर्माण जल्द पूरा करना.
  6. टोंक-सवाई माधोपुर रेलवे लाइन को प्राथमिकता देना.
  7. डीग के किले और महलों को पर्यटन हब के रूप में विकसित करना.
  8. गंगापुर और करौली में औद्योगिक विकास और रोजगार के अवसर बढ़ाना.

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