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2 करोड़ महीने के किराए पर हेलिकॉप्टर में सफर करेगी भजनलाल सरकार, जानिए गहलोत सरकार से कितना महंगा - helicopter of rajasthan government

राजस्थान की भजनलाल सरकार लगभग 24 करोड़ रुपए प्रतिवर्ष किराए के हेलीकॉप्टर पर सफर करेगी. वीवीआइपी मूवमेंट के लिए राज्य सरकार ने हवाई सेवा के लिए हेलीकॉप्टर किराए पर लिया है, जिसका खर्च 5 वर्षों में लगभग 120 करोड़ के आसपास आएगा. यह पूर्ववर्ती सरकार से 45 करोड़ ज्यादा है. शुक्रवार को विधानसभा में लगे प्रश्न के जवाब में सरकार ने यह जानकारी दी.

By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Jul 27, 2024, 10:40 AM IST

helicopter of rajasthan government
किराए के हेलिकॉप्टर में सफर करेगी भजन लाल सरकार (PHOTO ETV Bharat Jaipur)

जयपुर:राज्य के सिविल एविएशन बेड़े में वर्तमान में एक भी विमान नहीं है, जबकि पहले तीन-तीन हेलिकॉप्टर राज्य सरकार के पास हुआ करते थे, लेकिन आउटडेटेड और कबाड़ हो चुके उन हेलीकॉप्टर को पूर्व की सरकार ने नीलामी के जरिए बेच दिया. अब राज्य सरकार किराए के हेलीकॉप्टर या चार्टर प्लेन के जरिए अपना काम चला रही है. मौजूदा सरकार की बात की जाए तो भजनलाल सरकार ने वीवीआईपी मूवमेंट के लिए 23.79 करोड़ रुपए वार्षिक किराए पर हेलिकॉप्टर लेने के लिए करार किया है. विधानसभा में एक प्रश्न के उत्तर में सरकार की ओर से यह जानकारी दी गई है. जवाब में यह भी बताया गया है कि पूर्व की गहलोत सरकार ने भी चार साल तक हेलिकॉप्टर किराए पर लिए, जिन पर कुल 76.46 करोड़ रुपए खर्च किए गए.

लंबे समय से चल रही खरीद की प्रक्रिया:बता दें कि राज्य सरकार लंबे समय से 5 सीटर हेलिकॉप्टर और 10 सीटर चार्टर प्लेन की खरीद के लिए प्रयासरत है, लेकिन अलग-अलग कंपनियों के प्रेजेंटेशन के बाद भी यह खरीद नहीं हो पाई. यही वजह है कि एक बड़ी राशि सरकार को हर साल किराए के रूप में व्यय करनी पड़ रही है. सरकार की ओर से 5 जून को ही रेड बर्ड एयरवेज से हेलिकॉप्टर लीज या किराये पर लेने का अनुबन्ध किया गया है. पिछली सरकार के समय कोरोना के दो सालों में यानी 2020- 21 में 8.03 करोड़ व 2021-22 में 7.19 करोड़ रुपए हेलिकॉप्टर किराए पर लेने में खर्च किए गए. इसी तरह 2022-23 में 31.30 करोड़ रुपए और 2023-24 में 29.94 करोड़ रुपए खर्च किए गए.

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अगस्ता हेलीकॉप्टर सहित तीन वायुयान थे: बता दें कि पूर्ववर्ती सरकार के समय तक राजस्थान सरकार के पास तीन वायुयान हुआ करते थे, जिसमें अगस्त्य हेलीकॉप्टर , बी 200 और सी-90 वायुयान शामिल थे, हालांकि यह तीनों वायुयान आउटडेटेड और कबाड़ हो चुके थे, जिनका उपयोग पिछले 6-7 सालों से नहीं हो रहा था. पूर्ववर्ती गहलोत सरकार ने कई बार नीलामी निकालने के बाद अगस्ता हेलीकॉप्टर सहित तीन वायुयान बेचना पड़ा था. उसके बाद से राज्य सरकार एक फाइव सीटर हेलीकॉप्टर और एक 10 सीटर चार्टर प्लेन खरीदने को लेकर कई बार कंपनियों से प्रपोजल भी लिए, इसको लेकर मुख्य सचिव की अध्यक्षता वाली कमेटी की बैठक भी हुई, लेकिन खरीद नहीं हो पाई.

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